ईरान और दुबई में बुधवार देर रात भूकंप के तेज झटकों से कांप गई। भूकंप का केंद्र दक्षिणी ईरान था। इस कारण दुबई और अबू धाबी की धरती भी तेज झटकों से हिल गई। झटकों से घबराकर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। इसकी गहराई 9.8 किलोमीटर थी। हाल के समय में एशिया के कई देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। पिछले दिनों भारत और नेपाल में भी भूकंप के झटकों से धरती कांपी थी।
ईरान और दुबई में बुधवार रात (भारतीय समयानुसार) भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जानकारी के मुताबिक बहरीन, सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात में भी झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घबराकर अपने-अपने घरों से बाहर दौड़ पड़े। फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
दो दिन पहले मंगलवार को दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। हालांकि भूकंप कम तीव्रता वाला था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.5 मापी गई थी। भूकंप के झटके रात 9.30 बजे महसूस किए गए। नई दिल्ली का पश्चिमी क्षेत्र भूकंप का केंद्र रहा और पांच किलोमीटर इसकी गहराई थी। भूकंप के झटके हल्के रहे, इसलिए ज्यादा लोगों को इसकी भनक नहीं लगी।
हालांकि हाल के समय में राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के लगातार झटके आ रहे हैं, जो कि अच्छे संकेत नहीं हैं। दिल्ली भूकंप के लिहाज से संवेदनशील इलाका है। इसे खतरनाक सिस्मिक जोन में रखा गया है। यदि तेज भूकंप आया, तो भारी तबाही मच सकती है।
इससे पहले 21 नवंबर सोमवार को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भीषण भूकंप आया था। जिसमें मरने 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई थी। वहीं सैकड़ों लोग घरों के मलबे में दबकर घायल हुए थे। भूकंप से कम से कम 2200 घरों को नुकसान पहुंचा और 5 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए।
दुनियाभर में हर साल 20 हजार भूकंप आते हैं। यानी हर दिन करीब 55 भूकंप। अगर लंबे समय के भूकंपीय इतिहास को देखा जाए तो 1900 से अब तक हर साल करीब 16 बड़े भूकंप आए हैं। हैं। इनमें से 15 भूकंप 7 रिक्टर पैमान के आसपास या उससे ज्यादा के होते हैं। सिर्फ एक ही भूकंप ऐसा होता है जो 8 की तीव्रता को छूता है। या उससे ज्यादा होता है।
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