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ईरान ने सरकार विरोधी प्रदर्शन करने के चलते फिर 3 लोगों को दे दी फांसी, हिजाब को लेकर भड़की थी आग

ईरान ने हिजाब को लेकर बीते वर्ष सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन करने के जुर्म में फिर 3 आंदोलनकारियों को फांसी पर लटका दिया है। इससे पहले भी कई प्रदर्शनकारियों को ईरान की सरकार फांसी दे चुकी है।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : PTI प्रतीकात्मक फोटो

ईरान ने हिजाब को लेकर बीते वर्ष सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन करने के जुर्म में फिर 3 आंदोलनकारियों को फांसी पर लटका दिया है। इससे पहले भी कई प्रदर्शनकारियों को ईरान की सरकार फांसी दे चुकी है। ताजा मामले में ईरान ने पिछले साल सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के आरोपी तीन लोगों को शुक्रवार को मृत्युदंड दे दिया। उसने मानवाधिकार संगठनों के विरोध के बावजूद यह कदम उठाया। न्यायपालिका की वेबसाइट मिजान ने तीनों आरोपियों-माजिद कजेमी, सालेह मीरहाश्मी और सईद यघूबी को मृत्युदंड दिए जाने की जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि माजिद, सालेह और सईद ने पिछले साल नवंबर में राष्ट्रीय स्तर पर हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान इस्फहान में एक पुलिस अधिकारी और अर्धसैनिक बासिज समूह के दो सदस्यों की हत्या कर दी थी। वहीं, मानवाधिकार समूहों ने कहा कि तीनों आरोपियों को हिरासत में काफी प्रताड़ित किया गया, उनसे टेलीविजन पर जबरन इकबालिया बयान दिलवाए गए और उन्हें सजा देने के लिए उचित न्यायिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। ईरान में पिछले साल सितंबर में सख्त इस्लामी ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार की गई 22 वर्षीय महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद देशभर में बड़े पैमाने पर सरकार-विरोधी प्रदर्शन भड़क उठे थे। इस दौरान सरकारी बलों ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था।

अब तक 7 को दी जा चुकी है विरोध प्रदर्शन करने पर फांसी

सरकार विरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में ईरान अब तक 7 लोगों को मृत्युदंड दे चुका है। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि जिन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है उन्हें सरकारी सुरक्षा अदालतों में गोपनीय तरीके से दोषी ठहराया गया और उन्हें अपना बचाव भी नहीं करने दिया गया। जबकि सरकार का तर्क है कि आरोपियों ने हिंसा का जुर्म कुबूल लिया था। बता दें कि सितंबर 2022 में हिजाब को लेकर ईरान में महिलाओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। एक लड़की की पुलिस हिरासत में मौत हो जाने के बाद हिंसा और विरोध और तेज हो गया था।

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