पाकिस्तान को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के रुख में नरमी देखने को मिल रही है। IMF नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद करने को तैयार है। IMF में पश्चिम एशिया व मध्य एशिया विभाग के निदेशक जिहाद अजोर ने IMF और विश्व बैंक की एक बैठक के मौके पर पत्रकारों से कहा कि कुछ प्रमुख चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए एक नए कार्यक्रम में रुचि दिखाई गई है। उन्होंने कहा कि 10 महीने पहले शुरू किए गए मौजूदा कार्यक्रम के दम पर पाकिस्तान ने आर्थिक स्थिरता के मामले कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
पाकिस्तान के लिए है प्लान
IMF अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि पिछली समीक्षा सफल रही थी और इसे निदेशक मंडल के सामने रखा जाएगा। इससे उस कार्यक्रम को समाप्त कर दिया जाएगा जिसने पाकिस्तान को आर्थिक असंतुलन को दूर करने और उसकी आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद की थी। अजोर ने कहा, ‘‘ उन उपायों ने पाकिस्तान को अपना भंडार बढ़ाने की अनुमति दी। वर्तमान में अधिकारियों ने पाकिस्तान को कुछ प्रमुख चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए एक नए कार्यक्रम में रुचि दिखाई है।’’
आर्थिक स्थिरता है जरूरी
जिहाद अजोर ने कहा कि इनमें से एक है व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना। इसके लिए बजट घाटे के स्तर को कम करने तथा राजस्व स्थिति में सुधार करके राजकोषीय स्थिति को मजबूत करने के लिए राजकोषीय पक्ष पर काम जारी रखने की आवश्यकता होगी। राजस्व बढ़ने से सरकार को ना केवल ऋण की स्थिति का समाधान करने में मदद मिलेगी बल्कि अतिरिक्त सामाजिक सहायता प्रदान करने की भी गुंजाइश होगी।
ऊर्जा क्षेत्र में सुधार
दूसरा लक्ष्य ऊर्जा क्षेत्र में सुधार करना होगा। अजोर ने कहा, ‘‘ यह काफी समय से प्राथमिकता बनी हुई है और अब भी पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण आयाम है जिसमें सुधार की जरूरत है।’’ पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब IMF की बैठकों में भाग लेने के लिए इस समय अमेरिकी राजधानी में हैं। पाकिस्तान गंभीर आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। (भाषा)
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