दुनिया के सबसे बड़ी मुस्लिम देश इंडोनेशिया ने भारत से एक अपील की है। उसकी विदेश मंत्री रेन्टो मारसुदी ने भारत से अपील करते हुए कहा है कि भारत को म्यांमार के सैन्य शासन के साथ कोई बातचीत नहीं करनी चाहिए। उसने कहा कि भारत को आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) की पॉलिसी का सम्मान करना चाहिए और उसी रास्ते पर चलना चाहिए। एक अखबार से बातचीत करते हुए विदेश मंत्री मारसुदी ने कहा है कि अगर भारत ने ऐसा नहीं किया, तो इससे लोकतंत्र स्थापित करने के आसियान के प्रयास और कमजोर होंगे।
उन्होंने भारत से अपील करते हुए कहा कि भारत को पांच सूत्री समझौते के मुताबिक आगे बढ़ना चाहिए।
क्या है 5 पॉइंट एग्रीमेंट?
पांच सूत्री समझौता यानी 5 पॉइंट एग्रीमेंट में कई चीजें हैं, जैसे म्यांमार में तत्काल हिंसा खत्म करना, म्यांमार में विशेष दूत की नियुक्ति करना, सभी पक्षों से बातचीत करना, आसियान की तरफ से मानवीय सहयोग देना और सभी उल्लिखित पक्षों के साथ आसियान के विशेष दूत को मिलने की अनुमति देना।
भारत ने म्यांमार को किया था आमंत्रित
इसी साल मार्च महीने में भारत और श्रीलंका ने म्यांमार की सैन्य सरकार में विदेश मंत्री को BIMSTEC संगठन के वर्चुअल सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था। इसके बाद आसियान देशों और अमेरिका ने भी चिंता जताई थी।
आसियान आखिर क्या है?
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन आसियान 10 दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का एक संगठन है। इसका मुख्यालय जकार्ता में है। इसकी स्थापना साल 1967 में बैंगकॉक में हुई थी। शुरुआत में केवल इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया, फिलीपींस और सिंगापुर ही इससे जुडे़ हुए थे। बाद में कई अन्य देश भी इस संगठन का हिस्सा बन गए। संस्थापक देशों के अलावा वर्तमान में कंबोडिया, ब्रुनेई, लाओस, वियतनाम और म्यांमार भी इसके सदस्य हैं।
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