Germany India on Indo Pacific Region: हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के दखल का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत कमर कस चुका है। यूरोपीय देश जर्मनी के साथ मिलकर भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती करेगा। इस कदम से चीन के होश उड़ने वाले हैं। दोनों देशों के सैनिकों की तैनाती से जहां भारत सामरिक रूप से हिंद प्रशांत में और मजबूत होगा, वहीं भारत और जर्मनी के संबंध भी और प्रगाढ़ होंगे।
बड़ी संख्या में सैन्यबल तैनात करेगा जर्मनी
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी भागीदारी को 'गंभीर और दीर्घकालिक' बनाने के लिए जर्मनी ने भारत में बड़ी संख्या में सैन्य बल की तैनाती की योजना बनाई है, जैसा अब तक पहले कभी नहीं हुआ है। यहां जर्मनी के दूतावास के प्रवक्ता सेबेस्टियन फुक्स ने कहा, 'इसलिए इस साल हमने हमारे भारतीय साझेदारों के साथ मिलकर एक ऐसी योजना बनाई है, जो अतीत में जर्मनी के वायुसेना बल ने कभी नहीं बनाई।
कई यूरोपीय देश भेजेंगे अपने सैनिक
जर्मनी की एयरफोर्स भारत में जेट भेजेगी। लेकिन फुक्स का कहना है कि 'सिर्फ अपने जेट नहीं, क्योंकि हम अकेले कुछ नहीं करते। हम फ्रांस, ब्रिटेन और स्पेन के साथ मिलकर ऐसा करेंगे।' इंडियन एयरफोर्स अगस्त में दक्षिण भारत में बड़े स्तर पर मल्टीनेशनल जंगी अभ्यास शुरू करने वाला है। जर्मनी इस वार प्रैक्टिस के लिए फाइटर जेट, टैंकर और परिवहन विमानों सहित सैन्य विमानों की एक टुकड़ी भेजेगा। इसके बाद अक्टूबर में एक जर्मन नैवी का फाइटर शिप और एक एक लड़ाकू सहायता जहाज गोवा पहुंचेगा। हाल के वर्षों में जर्मनी द्वारा यह भारत में दूसरी बड़ी नौसैनिक तैनाती है।
अक्टूबर में गोवा आएगा जर्मनी का जंगी जहाज
फुक्स ने कहा कि 'हमारे पास जो जंगी जहाज है, वो अक्टूबर में गोवा आ रहा है। यही नहीं, एक लडाकू सहायता जहाज भी साथ में होगा। हाल ही में बर्लिन में भारत-जर्मनी उच्च रक्षा समिति (एचडीसी) की बैठक के बाद यह घोषणा की गई है। बर्लिन में दोनों पक्षों ने अपनी रक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की थी।
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