हार्डवेयर निर्माण, IT और रक्षा क्षेत्र में भारत-दक्षिण कोरिया के संबंध होंगे और गहरे; द्विपक्षीय वार्ता में फैसला
जी-7 में शामिल होने आए देशों के साथ भारत अपने द्विपक्षीय सहयोग के आधार को और मजबूत करने में जुटा है। वियतनाम के बाद पीएम मोदी ने दक्षिण कोरिया के साथ भी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए वार्ता की।
जी-7 में शामिल होने आए देशों के साथ भारत अपने द्विपक्षीय सहयोग के आधार को और मजबूत करने में जुटा है। वियतनाम के बाद पीएम मोदी ने दक्षिण कोरिया के साथ भी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए वार्ता की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल के साथ सार्थक बातचीत के दौरान व्यापार एवं निवेश, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) हार्डवेयर निर्माण तथा रक्षा जैसे क्षेत्रों में संबंध गहरे करने पर सहमत हुए तथा उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने भारत की जी20 अध्यक्षता तथा दक्षिण कोरिया की हिंद-प्रशांत रणनीति पर भी चर्चा की।
हिरोशिमा में ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी7) के शिखर सम्मेलन से इतर दोनों नेताओं ने मुलाकात की। विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल के साथ सार्थक द्विपक्षीय वार्ता की। भारत और कोरिया गणराज्य के बीच गहरी मित्रता तथा गहरे सांस्कृतिक संबंध हैं। आज की बातचीत प्रमुख विकासात्मक क्षेत्रों में इस दोस्ती को और मजबूत करने के तरीकों पर केंद्रित है।’’ मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘विशेष सामरिक भागीदारी को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति यून सुक येओल से मुलाकात की।’’ दोनों नेताओं ने बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार वे व्यापार एवं निवेश, उच्च प्रौद्योगिकी, आईटी हार्डवेयर निर्माण, रक्षा, अर्धचालक और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर सहमत हुए।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति पर भी चर्चा
दोनों नेताओं ने भारत की जी20 अध्यक्षता और दक्षिण कोरिया की हिंद-प्रशांत रणनीति पर भी चर्चा की। भारत, अमेरिका और कई अन्य वैश्विक शक्तियां क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य दखलअंदाजी के मद्देनजर एक स्वतंत्र, मुक्त और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में लंबे अरसे से बात कर रही हैं। चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे क्षेत्र पर दावा करता है। इस क्षेत्र में उसका ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सहित कई अन्य देशों के साथ विवाद है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कई कृत्रिम द्वीपों और सैन्य अड्डों का निर्माण भी किया है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर जी7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे थे।
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