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भारत के सतत मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से सकते में चीन और अमेरिका, अब आसमान में होगा जलवा

इस बार का भारत का गगनयान मिशन अंतरिक्ष में नया इतिहास रचने को आतुर है। धरती से लेकर आसमान तक लगातार भारत की धमक बढ़ती जा रही है। इससे दुश्मन चीन ही नहीं, बल्कि तरक्की के ऐसे तजुर्बे को देखकर अमेरिका भी हैरान है। दरअसल भारत ने अबकी बार के गगनयान मिशन को सतत मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से जोड़ दिया है।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : PTI प्रतीकात्मक फोटो

इस बार का भारत का गगनयान मिशन अंतरिक्ष में नया इतिहास रचने को आतुर है। धरती से लेकर आसमान तक लगातार भारत की धमक बढ़ती जा रही है। इससे दुश्मन चीन ही नहीं, बल्कि तरक्की के ऐसे तजुर्बे को देखकर अमेरिका भी हैरान है। दरअसल भारत ने अबकी बार के गगनयान मिशन को सतत मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से जोड़ दिया है। यानी यह मिशन सिर्फ एक बार का अभियान मात्र नहीं रहेगा, बल्कि यह लगातार नए-नए अंतरिक्ष कार्यक्रमों को संचालित करता रहेगा। अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते दबदबे को देखकर दुनिया चक्कर खाने लगी है। आइए आपको बताते हैं भारत का नया गगनयान मिशन कार्यक्रम कैसा होने वाला है?

‘गगनयान’ एक बार का मिशन नहीं होगा

भारत का गगनयान मिशन ‘‘एक बार का अभियान’’ नहीं होगा, क्योंकि सरकार ने ‘‘सतत मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम’’ को मंजूरी दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम निदेशालय के निदेशक इम्तियाज अली खान ने यहां ‘बी इंस्पायर्ड: फेस्टिवल ऑफ आइडियाज’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कि ‘गगनयान’ के बाद के अंतरिक्ष मिशन में चिकित्सक और वैज्ञानिक जैसे नागरिक शामिल हो सकते हैं। अली ने कहा कि पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन को अगले साल के अंत में प्रक्षेपित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि इस उड़ान के लिए भारतीय वायु सेना के चार पायलट का चयन किया गया है और वे मिशन के लिए व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

पीएम मोदी का महत्वाकांक्षी मिशन

अली ने कहा, ‘‘ पहले इसरो भारत की पहली सफल मानव अंतरिक्ष उड़ान को पूरा कर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा, उसके बाद भविष्य के मिशन तय किए जाएंगे। बाद के मिशन के लिए गैर-पायलट लोग शामिल होंगे, जिनमें नागरिक, महिलाएं, चिकित्सक और वैज्ञानिक शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष मिशन शुरू करने के लिए उम्र बहुत सख्त मानदंड नहीं है क्योंकि प्रशिक्षण सत्र के दौरान व्यक्ति को फुर्तीला, स्वस्थ और प्रक्रियाओं को आसानी से समझने में सक्षम होना चाहिए। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में 10,000 करोड़ रुपये की लागत वाले ‘गगनयान’ मिशन की घोषणा की थी। यह पीएम मोदी का महत्वाकांक्षी मिशन है।

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