India's Rafale Vs Pak & Chines J-10 Fighter: फ्रांस से आयातित भारत के राफेल फाइटर जेट का मुकाबला करने के लिए चीन ने पाकिस्तान को जे-10 सी विमानों की खेप दी है। मगर फ्रांस की टेक्नॉलोजी के सामने चीन की तकनीकि कितनी मजबूत है, राफेल के सामने पाकिस्तान और चीन का जे-10 कहां टिकता है, यह सब जानने के लिए आइए आपको दोनों फाइटर जेट विमानों का फीचर समझाते हैं। इसके बाद आप खुद तय कर पाएंगे कि चीन और पाकिस्तान का जे-10 भारत के राफेल का मुकाबला कितना कर पाएगा?
भारत के पास 36 राफेल फाइटर जेट हैं। अब पाकिस्तान ने इससे मुकाबला करने के लिए चीन से इतने ही जे-10 विमान विमानों का आर्डर दिया है। चीन ने पाकिस्तान को अब इसकी दूसरी खेप दे दी है। अब तक पाकिस्तान को चीन 14 जे-10 विमान दे चुका है। उसे अभी 22 जे-10 फाइटर जेट और मिलने हैं। इस प्रकार पाकिस्तान के पास भी भारत के 36 राफेल विमानों के मुकाबले चीन से मिले 36 जे-10 फाइटर जेट हो जाएंगे। आइए अब आपको चीन के जे-10 और भारत के राफेल विमानों का फीचर बताते हैं। राफेल विमानों को फ्रांस की कंपनी ने बनाया है। जबकि जे-10 को चीन की चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री ग्रुप ने निर्मित किया है।
जे-10 और राफेल की क्षमता
Image Source : India TvRafale Vs J-10
मिसाइल क्षमता
राफेल में हाई रैंज मिसाइल क्षमता है। इसमें दुनिया के सबसे खतरनाक मानी जाने वाली माइका और आइआइआर इमैजिंग इंफ्रारेड मिसाइल को लोड किया जा सकता है। जबकि जे-10 सी में लोअर रैंज मिसाइल क्षमता है, जिसमें पीएल-8/9 जैसी मिसाइलों को ही लोड किया जा सकता है। राफेल की मारक क्षमता ग्लोबली अधिक है। जबकि जे-10 की मारक क्षमता राफेल के मुकाबले बेहद कम है। राफेल के पास ईराक, सीरिया, अफगानिस्तान, लीबिया और माली में कांबैट ऑपरेशन कर चुके होने का अनुभव है। जबकि जे-10 के पास यह अनुभव नहीं है। हालांकि दोनों फाइटर जेट 4.5 जनरेशन के हैं।
राफेल और जे-10 की अन्य खासियतें
राफेल से परमाणु मिसाइल भी फायर की जा सकती है। जबकि जे-10 में यह फीचर नहीं है। जे-10 इजरायल की तकनीकि को चोरी कर बनाया गया है, जिसे 34 साल पहले इजरायल बंद कर चुका है। जबकि राफेल फ्रांस का अत्याधुनिक ग्लोबल एक्सेप्टेंस तकनीकि वाला विमान है। राफेल के जरिये एयर टू एयर मार करने के लिए क्रूज मिसाइलें लगी हैं। जिनकी क्षमता 300 किलोमीटर दूर तक है। जे-10 भी एयर टू एयर मार करने में सक्षम है। राफेल में एडवांस रडार टार्गेट डिटेक्ट सिस्टम लगा है। राफेल पाकिस्तान के जे-10 से करीब एक टन भारी होने से अधिक क्षमतावान भी है।
रडार सिस्टम
राफेल में बियोंड विजुअल रैंज (WVR) कंबैट क्षमता है। इसमें रडार और मिसाइल की एक्सीलेंट क्षमता है, जो दुश्मन के किसी भी ठिकाने को पहचान कर भेद सकता है। जबकि जे-10 में चाइनीज एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (एईएसए) 1200 टी/आर मॉड्यूल में है। यानि जे-10 का रडार ऑपरेटर राफेल के मुकाबले कम पॉवर वाला है। राफेल में आरबीई-2 सिस्टम है, जो अन्य सभी टी/आर मॉड्यूल से बेहतर है।
राफेल की अन्य खासियत
इसके अलावा राफेल का विंग स्पैन 10.90 मीटर है, जो दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से हर मौसम में उड़ान भर सकता है। यह अपने साथ दुनिया की सभी खतरनाक मिसाइलों के साथ उड़ान भर सकता है। परमाणु हमला करने में भी सक्षम है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर टेक्नॉलोजी है, जो कि दुनिया के सर्वोत्म लड़ाकू विमान की पहचान होती है। राफेल हवा से जमीन पर भी मार करने में सक्षम है। इसमें हवा से जमीन पर मार करने के लिए बेहद घातक स्कैल्प मिसाइल को लोड किया जा सकता है। राफेल में 4 टर्बो सिस्टम है। जबकि जे-10 में 2-टर्बो सिस्टम है।
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