US Election: ट्रंप की जीत से दुनिया में भारत की स्थिति होगी और मजबूत, चीन-पाक की बढ़ेगी मुश्किलः विशेषज्ञ
अमेरिका में ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने से भारत के साथ रिश्तों को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद की जा रही है। इसकी एक वजह पीएम मोदी और ट्रंप की जिगरी दोस्ती भी है। साथ ही भारत और हिंदुओं के प्रति ट्रंप का अच्छा दृष्टिकोण भी है।
नई दिल्लीः अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में धमाकेदार जीत दर्ज कर डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया इतिहास रच दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप को उनकी ऐतिहासिक जीत और दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी है। साथ ही भारत-अमेरिका के रिश्तों को और ऊंचाई पर ले जाने की उम्मीद जाहिर की है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी आपस में बहुत अच्छे दोस्त हैं। दोनों विश्व नेताओं की जुगलबंदी जगजाहिर है। ट्रंप भारत और हिंदुओं से बेहद प्यार करते हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और उनके करिश्माई नेतृत्व के भी कायल हैं। अक्सर ट्रंप अपने भाषणों में पीएम मोदी का नाम लेते हैं और उन्हें "गुडमैन" कहते हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी भारत-अमेरिका के रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं। इसमें और मजबूती आने की उम्मीद है।
जवाहरलाल नेहरू इंटरनेशनल स्टडीज विभाग के प्रोफेसर अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की केमिस्ट्री जगजाहिर है। दोनों नेता आपस में अच्छे दोस्त हैं। 2026 से 20 तक एक साथ काम कर चुके हैं। अब यह दूसरी बार ट्र्ंप और मोदी को साथ-साथ काम करने का अवसर मिल रहा है। ऐसे में भारत की स्थिति दुनिया में और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि ट्रंप का जीतना भारत के लिए बहुत पॉजिटिव है। अमेरिका और भारत के रिश्ते बाइडेन काल में भी ठीक रहे। मगर अब दोनों देशों के रिश्तों में अप्रत्याशित मजबूती देखने को मिल सकती है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश के साथ होने से दुनिया में भारत का कद व प्रभाव और बढ़ेगा।
चीन-पाकिस्तान की बढ़ेगी मुश्किल
ट्रंप के आने से चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी टेरर फंडिंग पर रोक लगा दी थी और ग्रे सूची में डाल दिया था। यह भारत की दृष्टिकोण से काफी अच्छा होगा। हालांकि हाल ही में भारत और चीन ने अपने तनाव को कम कर लिया है, लेकिन अब चीन के सामने भारत की स्थिति पहले से ज्यादा मजबूत होगी। क्योंकि ट्रंप की पॉलिसी भारत के दोनों दुश्मनों चीन और पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक रही है। प्रोफेसर अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रंप कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। वह भारत से हमेशा अच्छे रिश्ते रखने और आतंकवाद व कट्टवारके खिलाफ रहे हैं। ऐसे में उनका दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जाना भारत के लिए शुभ संकेत है। अमेरिका के साथ भारत की केमिस्ट्री मजबूत होने से इधर रूस के साथ रिश्तों में और मजबूती आएगी। क्योंकि ट्रंप का पुतिन के प्रति भी सॉफ्ट कॉर्नर है।
अमेरिका चीन से भारत शिफ्ट कर सकता है ज्यादातर कारोबार
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की जीत से अमेरिका अब चीन से अपने व्यापारिक संबंधों को सीमित करेगा और वह भारत के साथ इसे विस्तार दे सकता। ऐसे में भारत को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। ट्रंप का नजरिया भारत के प्रति अच्छा है। वह कहते हैं कि भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। विशेष रूप से मोदी के साथ। वह एक महान नेता हैं। महान व्यक्ति हैं। वास्तव में एक महान व्यक्ति हैं। उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। हालांकि शुल्क को लेकर भारत की टेंशन बढ़ सकती है। क्योंकि ट्रंप ने भारत को सबसे ज्यादा चार्ज वसूलने वाला देश बताया था। इसी तरह वीजा और अप्रवासन मामले में भी भारत को ट्रंप से चिंता हो सकती है।
रणनीतिक संबंधों को मिलेगी मजबूती
ट्रंप के आने से भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंधों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। हाल के वर्षों में रक्षा और सैन्य सहयोग भारत-अमेरिका संबंधों की आधारशिला रहे हैं। क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (iCET) पर ऐतिहासिक पहल और जेट इंजन के निर्माण के लिए GE-HAL समझौते जैसे रक्षा सौदे जो बाइडेन के प्रशासन के तहत भारत-अमेरिका संबंधों के कुछ मुख्य आकर्षण रहे हैं। नाटो के प्रति ट्रम्प के रुख से पता चलता है कि वह सैन्य समझौतों के प्रति भी इसी तरह का सतर्क रुख अपना सकते हैं। हालांकि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के साझा लक्ष्य के कारण भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग जारी रह सकता है।
क्वाड को मिलेगी मजबूती
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में क्वाड संगठन को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्वाड एक मजबूत गठबंधन है, जिसका उद्देश्य चीन को संतुलित करना है। ऐसे में माना जा रहा है कि नवीनीकृत ट्रम्प प्रशासन चीन की दबंगई के खिलाफ निरंतर हथियारों की बिक्री, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त सैन्य अभ्यास के साथ आगे के रक्षा सहयोग को क्वाड देशों के साथ बढ़ा सकता है। इसी तरह आतंकवाद विरोधी मोर्चे पर, ट्रम्प का "शांति के माध्यम से शक्ति" दृष्टिकोण भारत के सुरक्षा उद्देश्यों के साथ संरेखित हो सकता है। भारत अपनी सीमाओं विशेषकर पाकिस्तान से लगी सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों को खत्म करने में, कड़ा अमेरिकी रुख चाहता रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के खात्मे की उम्मीद
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने से पहले ही कहा था कि अगर वह इस बार चुनाव जीतते हैं तो रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करवा देंगे। ऐसे में उनकी जीत से रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होने के आसार बन रहे हैं। वहीं इजरायल भी ट्रंप की जीत से गदगद है। बेंजामिन नेतन्याहू को ट्रंप की जीत से अधिक अमेरिकी सहायता मिलने की उम्मीद है।
हिंदुओं के हित में बोलते रहे हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप हमेश खुद को हिंदुओं और भारत का प्रेमी बताते रहे हैं। ट्रंप ने हाल ही में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की थी। ऐसे में ट्रंप की जीत से दुनिया भर में बसे हिंदुओं में भी काफी उत्साह है। उन्होंने कई सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा है कि वह भारत और हिंदुओं के फैन हैं।