नई दिल्लीः भारत-जर्मनी की दोस्ती पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार नये मुकाम को हासिल कर रही है। इस बात का सबूत जर्मनी चांसलर की उनके कार्यकाल में लगातार तीसरी भारत यात्रा भी है। ओलाफ शोल्ज इन दिनों नई दिल्ली की यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी ऐसे समय में मजबूत सहारे के रूप में उभरी है, जब दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता का सामना कर रही है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ सातवीं अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक में भाग लेते हुए पी मोदी ने कहा कि भारत-जर्मनी के संबंध आदान-प्रदान के संबंध नहीं, बल्कि दो सक्षम और मजबूत लोकतंत्रों की परिवर्तनकारी साझेदारी है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन और नौवहन की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। इस समय में, भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत सहारे के रूप में उभरी है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शोल्ज की भारत की तीसरी यात्रा है। जो भारत और जर्मनी के बीच दोस्ती के ‘ट्रिपल जश्न’ को चिह्नित करता है। उन्होंने कहा, ‘‘2022 में बर्लिन में पिछले आईजीसी में हमने अपने द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। दो वर्षों में, हमारे सामरिक संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साहजनक प्रगति हुई है।
दुनिया में हमें चाहिए- भारत और जर्मनी जैसे मित्र-शोल्ज
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने हिंदी में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- इस दुनिया में, हमें मित्रों और सहयोगियों की आवश्यकता है - जैसे भारत और जर्मनी हैं। प्रिय नरेंद्र मोदी जी, नई दिल्ली में स्नेहपूर्वक स्वागत के लिए दिल से धन्यवाद! ओलाफ शोल्ज ने अपने इस ट्वीट से भारत-जर्मनी की दोस्ती की गहराइयों को दर्शाते हुए पूरी दुनिया के लिए एक तरह से बड़ा संदेश दिया है। वह पीएम मोदी से बहुत प्रभावित हैं।
रक्षा से लेकर प्रौद्योगिकी और ऊर्जा में बड़ा साझेदार बना जर्मनी
भारत और जर्मनी की दोस्ती सिर्फ रक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रौद्यागिकी से लेकर ऊर्जा तक के क्षेत्र में दोनों देशों ने महत्वपूर्ण साझेदारियों को आगे बढ़ाया है। रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में बढ़ते इस सहयोगने आपसी विश्वास को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी द्वारा घोषित ‘फोकस ऑन इंडिया’ रणनीति का भी स्वागत किया। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि अपनी साझेदारी को विस्तार देने और बढ़ाने के लिए हम कई नई और महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं और ‘संपूर्ण सरकार’ से पूरे राष्ट्र के दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं।’’ आईजीसी एक द्विवार्षिक कवायद है और पिछली बार इसका आयोजन मई 2022 में बर्लिन में किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की बैठक में जर्मन-भारतीय हरित और सतत विकास साझेदारी (जीएसडीपी) पर सहमति बनी थी। आईजीसी की शुरुआत 2011 में की गई थी। इसमें सहयोग की व्यापक समीक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच जुड़ाव के नए क्षेत्रों की पहचान की जाती है।(भाषा)
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