India China Relations: चीन ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए एक ‘सकारात्मक घटनाक्रम’ है। हालांकि उसने उज्बेकिस्तान में अगले सप्ताह होने वाले SCO शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित बैठक पर कुछ भी बोलने से करने से इनकार कर दिया। बता दें कि चीन और भारत SCO के महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
‘हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है’
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और चीन 15 से 16 सितंबर को समरकंद में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर मोदी-शी की संभावित बैठक के बारे में एक-दूसरे के संपर्क में हैं, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि ‘उनके पास इस समय इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि भारत और चीन ने बृहस्पतिवार को पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में ‘पेट्रोलिंग प्वाइंट 15’ से ‘समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से’ अपने सैनिकों के पीछे हटने की घोषणा की थी।
Image Source : PTI Representationalचीन ने शुक्रवार को कहा कि सैनिकों के पीछे हटने की शुरुआत एक सकारात्मक घटनाक्रम है।
सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई
लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने के बाद मोदी और शी के बीच मुलाकात को लेकर अटकलें तेज हो गईं। SCO आर्थिक और सुरक्षा पर 8 सदस्यीय समूह है जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं। SCO का मुख्यालय बीजिंग में है। चीनी सेना ने शुक्रवार को पुष्टि की कि पूर्वी लद्दाख के ‘गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स’ क्षेत्र में ‘पेट्रोलिंग प्वाइंट 15’ से चीन और भारत के सैनिकों की ‘समन्वित एवं नियोजित तरीके’ से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
‘हमें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी’
दोनों पक्षों के पीछे हटने की घोषणा पर बयान देते हुए माओ ने कहा कि समझौता सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों के बीच कई दौर की बातचीत का नतीजा है और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के माहौल के लिए महत्वपूर्ण है। यह पूछे जाने पर कि क्या गुरुवार की घोषणा से संबंध सामान्य होंगे, उन्होंने कहा, ‘सैनिकों के पीछे हटने की शुरुआत एक सकारात्मक घटनाक्रम है। हमें उम्मीद है कि इससे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।’
Image Source : PTI Representationalपिछले कुछ महीनों से LAC पर काफी तनाव देखने को मिल रहा था।
मई 2020 में हुई थी हिंसक झड़प
भारत लगातार कहता रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है। गतिरोध को हल करने के लिए दोनों सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत की। बता दें कि पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था। इस घटना के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था और दोनों देशों के रिश्ते अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाए हैं।
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