बीजिंगः भारत और चीन के राजनयिक संबंधों के अगले साल 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इससे पहले दोनों देशों ने अपने रिश्तों को सुधारने की नई पहल शुरू कर दी है। भारत-चीन सीमा पर शांति लाने से लेकर आर्थिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक प्रगति को प्रगाढ़ करने के लिए दोनों देशों ने कड़ी प्रतिबद्धता जाहिर की है। इस कड़ी में भारत के विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से बीजिंग में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-चीन के संबंधों को मजबूत करने के मुद्दे पर चर्चा की।
इस दौरान चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग ने कहा कि अगले साल चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है। ऐसे में दोनों देशों के नेताओं द्वारा हासिल की गई महत्वपूर्ण सहमति को दोनों पक्षों को की ओर से लागू करना चाहिए। साथ ही उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की गति को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को राजनीतिक पारस्परिक विश्वास विकसित करना चाहिए और धीरे-धीरे संस्थागत संवाद बहाल करना चाहिए। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था, व्यापार और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाना चाहिए। ताकि द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास पथ पर वापस लाने को बढ़ावा दिया जा सके।
चीनी विदेश मंत्री के साथ भी हुई वार्ता
एनएसए अजीत डोभाल ने इससे पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी बुधवार को बीजिंग में मुलाकात की। दोनों देशों के संबंधों को फिर पटरी पर लाने के लिए सीमा के मुद्दों समेत अन्य बिंदुओं पर वार्ता के को लेकर यह मुलाकात अहम रही। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने तथा पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार वर्ष से अधिक समय से तल्ख रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा किए जाने की सूचना है।
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