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भारत-चीन संबंधों में व्यापक अवसरों पर चुनौतियां हावी रहीं: भारतीय राजदूत मिसरी

मिसरी ने पूर्वी लद्दाख के गतिरोध का हवाला देते हुए कहा, ''हमारे संबंधों में अवसर और चुनौतियां दोनों शामिल थे, हालांकि, पिछले साल से जारी कुछ चुनौतियां रिश्ते में प्रमुख अवसरों पर हावी रहीं।''

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Highlights

  • चीन में निवर्तमान भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बात की
  • कहा- कुछ चुनौतियों के कारण द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक अवसरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा
  • उम्मीद जतायी कि लगातार संवाद करके दोनों पक्ष मौजूदा कठिनाइयों को हल करने में सक्षम होंगे

बीजिंग: चीन में निवर्तमान भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से ऑनलाइन तरीके से विदाई मुलाकात की। इस दौरान मिसरी ने कहा कि कुछ चुनौतियों के कारण पिछले साल द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक अवसरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा और उम्मीद जतायी कि लगातार संवाद करके दोनों पक्ष मौजूदा कठिनाइयों को हल करने में सक्षम होंगे। 

वांग से वार्ता के दौरान मिसरी ने पूर्वी लद्दाख के गतिरोध का हवाला देते हुए कहा, ''हमारे संबंधों में अवसर और चुनौतियां दोनों शामिल थे, हालांकि, पिछले साल से जारी कुछ चुनौतियां रिश्ते में प्रमुख अवसरों पर हावी रहीं।'' मिसरी को मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है और वह इस महीने के अंत में नयी दिल्ली लौट सकते हैं। उनके उत्तराधिकारी का नाम अभी तय नहीं हुआ है। 

भारतीय दूतावास की ओर से यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राजदूत ने उम्मीद जतायी कि सभी स्तरों पर (राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य) लगातार संवाद के जरिए दोनों पक्ष मौजूदा कठिनाइयों को हल करने और संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे ले जाने में सक्षम होंगे। 

हालांकि, प्रेस विज्ञप्ति में ''चुनौतियों'' के बारे में विस्तार से उल्लेख नहीं किया गया। विज्ञप्ति के मुताबिक, ''राजदूत ने, खास तौर से, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में मौजूदा मुद्दों के पूर्ण समाधान के मद्देनजर उचित मार्गदर्शन जारी करने में विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी द्वारा निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डाला।

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