प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी अलग पहचान बनाता जा रहा है। भारत के प्रति दुनिया के अन्य देशों का भरोसा भी बढ़ा है। अपनी स्वच्छ और मजबूत देश की छवि के चलते ही भारत समुद्र का शहंशाह बन बैठा है। एक बारर फिर भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आइएमओ) परिषद के लिए शुक्रवार को हुए मतदान में 2024-25 द्विवार्षिक सत्र के लिए सर्वाधिक वोट के साथ फिर से चुन लिया गया। यह भारत के प्रति दुनिया के अटूट भरोसे और पीएम मोदी के करिश्माई नेतृत्व का नतीजा है।
आइएमओ के लिए भारत का फिर से चुना जाना ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ "अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक रुचि" वाले 10 देशों की श्रेणी में आता है। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कहा कि यह वैश्विक समुद्री संचालनों में भारत के विविध योगदान को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत ने जताया भरोसे के लिए आभार
चुनाव के तुरंत बाद दोरईस्वामी ने कहा, ‘‘भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्र में सेवा जारी रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से हम प्रसन्न और अभिभूत हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज लंदन में श्रेणी ‘बी’ में आईएमओ परिषद के लिए चुनाव में सर्वाधिक वोट के साथ हमे फिर से चुना गया, जिससे आईएमओ में भारत की निरंतर सेवा का एक गौरवपूर्ण और अटूट रिकॉर्ड बरकरार रहा। यह पूरी तरह से हमारी सरकार द्वारा विशेष रूप से हाल के वर्षों में हमारे घरेलू नौवहन क्षेत्र के तेजी से विस्तार और विकास और वैश्विक समुद्री संचालन में भारत के विविध योगदान को बढ़ाने के लिए दी गई उच्च प्राथमिकता को दर्शाता है।’’ आईएमओ की 33वीं सभा 27 नवंबर से 6 दिसंबर के बीच लंदन में आईएमओ मुख्यालय में आयोजित हो रही है। (भाषा)
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