इस्लामाबादः पाकिस्तान की राजधानी में आज संघाई सहयोग शिखर वार्ता (एससीओ) की बैठक संपन्न हो गई। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी यहां मौजूद रहे। इस दौरान सभी सदस्य देशों द्वारा एससीओ के प्रमुख दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। भारत ने इस विचार-विमर्श में सकारात्मक और रचनात्मक योगदान दिया। साथ ही भारतीय परिप्रेक्ष्य से 8 प्रमुख निष्कर्ष निकाले गए, जिन पर हस्ताक्षर किया गया। वह अहम बिंदु इस प्रकार हैं...
- भारत ने एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के विचार पर संवाद विकसित करने पर फोकस किया।
- एससीओ स्टार्टअप फोरम, स्टार्टअप, इनोवेशन और पारंपरिक चिकित्सा पर एसडब्ल्यूजी जैसी पहलों को बढ़ावा देने की बात की, जिसका एससीओ सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया।
- भारत के प्रयास से डीपीआई और डिजिटल समावेशन भी अब एससीओ सहयोग ढांचे का हिस्सा बनेगा।
- एससीओ यूएनएसडीजी हासिल करने के लिए मिशन लाइफ से प्रेरणा ले रहा है।
- भारत ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण को बढ़ावा देने के लिए बाजरा जैसे जलवायु-के अनुकूल व पौष्टिक अनाज के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए एससीओ को प्रेरित किया।
- क्षेत्र में निष्पक्ष और संतुलित कनेक्टिविटी परियोजनाओं को कायम रखने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और एससीओ चार्टर के लक्ष्यों और सिद्धांतों के पालन पर जोर दिया।
- डब्ल्यूटीओ को मूल में रखते हुए नियम-आधारित, गैर-भेदभावपूर्ण, खुले, निष्पक्ष, समावेशी और पारदर्शी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर फिर से जोर देने पर फोकस किया गया।
- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कमजोर करने वाले और सतत वैश्विक विकास में बाधा डालने वाली संरक्षणवादी कार्रवाइयों, एकतरफा प्रतिबंधों और व्यापार प्रतिबंधों का विरोध किया गया।
- भारत ने रूस को एससीओ सीएचजी की अगली अध्यक्षता संभालने पर शुभकामनाएं दीं।
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