नई दिल्लीः मालदीव जैसे देश भले ही चीन से प्रेम रखने लगे हों, मगर इंडोनेशिया जैसे दोस्त भारत के साथ अपने रिश्ते को लगातार प्रगाढ़ कर रहे हैं। इन दोनों की दोस्ती अब जमीन से लेकर समुद्र तक नई गहराई की ओर आगे बढ़ रही है। भारत और इंडोनेशिया ने शुक्रवार को समुद्री सुरक्षा और सैन्य उपकरणों के उत्पादन सहित समग्र द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और अधिक विस्तारित करने का संकल्प लिया है। यह मालदीव और चीन के बीच पनपे नए प्रेम का एक तरह से जवाब भी है। क्योंकि रणनीतिक रूप से इंडोनेशिया से भारत की दोस्ती काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि इंडोनेशिया से भारत का संबंध कोई नया नहीं है। मगर अब दोनों देश अपने पुराने संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने को एक साथ निकल पड़े हैं।
दिल्ली में हुई सातवीं भारत-इंडोनेशिया संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा और रणनीतिक संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग के बढ़ते दायरे पर संतोष व्यक्त किया। इसने कहा, "रक्षा सहयोग और रक्षा उद्योग सहयोग पर कार्य समूहों की बैठकों में विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों पर हुई चर्चा की प्रगति की भी सह-अध्यक्षों द्वारा समीक्षा की गई।" बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और उनके इंडोनेशियाई समकक्ष एयर मार्शल डॉनी एर्मावान तौफांटो ने की।
रक्षा और सुरक्षा में भारत-इंडोनेशिया लिखेंगे नया इतिहास
भारतीय मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "अधिकारियों ने विशेष रूप से रक्षा उद्योग संबंधों, समुद्री सुरक्षा और बहुपक्षीय सहयोग के क्षेत्र में सहयोग के मौजूदा स्तर को बढ़ाने के तौर-तरीकों की पहचान की।" इंडोनेशियाई अधिकारी दो से चार मई तक भारत की यात्रा पर हैं। दोनों देशों के इस समझौते से भारत और इंडोनेशिया अब रक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में नया इतिहास लिखने को तैयार हैं। (भाषा)
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