India and China News: चालबाज चीन की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत हर समय तैयार है। चीन के खिलाफ भारत ने जहां सैन्य तैयारियां भी अच्छी तरह से की हैं, वहीं भारत और चीन की सीमा पर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर भी दुरुस्त किया है। इसी बीच चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हमारी सीमा पर लगातार फाइटर जेट भेज रहे चीन को सबक सिखाने के लिए भारत ने अपनी तैयारी और पुख्ता कर दी है। भारत अगले दो से तीन माह में दूसरे एस 400 मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को चीन की सीमा पर सक्रिय कर देगा।
भारत की सीमा में लगातार फाइटर जेट भेज रहे चीनी ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने अपनी तैयारी को और पुख्ता करना तेज कर दिया है। भारत अगले दो से तीन महीने में अपने दूसरे एस 400 मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को चीन की सीमा पर सक्रिय कर देगा। एस 400 की तैनाती से भारतीय वायुसेना चीन के फाइटर जेट, रणनीतिक बॉम्बर, मिसाइलों और ड्रोन विमानों की न केवल बहुत दूर से पहचान कर सकेगी, बल्कि उन्हें पलक झपकते ही तबाह कर सकेगी।
रूस से आ रही एस 400 की दूसरी खेप
सूत्रों ने बताया कि दूसरे एस 400 स्क्वाड्रन की जहाजों और विमानों के जरिए डिलिवरी रूस से चल रही है। 24 फरवरी को यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार एस.400 सिस्टम की दूसरी खेप आ रही है। भारत का पुराना दोस्त रूस ऐसे समय में भारत को एस 400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति कर रहा है जब चीन ने भारत की सीमा पर गतिविधियों को और बढ़ाना शुरू कर दिया है। चीन के फाइटर विमान अक्सर एलएसी यानी भारत और चीन के बीच की लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल के पास 10 किमी के नो फ्लाई जोन इलाके में आ रहे हैं। यह सीधे तौर पर दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बहाली के उपायों का उल्लंघन है।
चीन के फाइटर जेट नो फ्लाइंग जोन में, हमारा राफेल भी है तैयार
इससे पहले भारत ने एस 400 सिस्टम को पश्चिमोत्तर सीमा पर तैनात किया था। जिससे कि पाकिस्तान और चीन दोनों से होने वाले हवाई खतरों से निपटा जा सके।
रूस ने एस.400 की पहली खेप भेजी थी, जिसे हजारों कंटेनर की मदद से दिसंबर महीने में भारत पहुंचाया गया था। यही नहीं भारतीय वायुसेना को इस साल अप्रैल और मई महीने में सिमुलेटर और कई अन्य उपकरण मिले थे, ताकि एस.400 की ट्रेनिंग दी जा सके। रक्षा सूत्रों ने बताया कि एस.400 की दूसरी खेप को चीन के मोर्चे पर खासतौर से हवाई सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तैनात किया जाएगा।
लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के इलाकों में आए दिन मंडराते हैं चीनी फाइटर जेट
सूत्र बताते हैं कि चीन द्वारा 3488 किलोमीटर लंबी सीमा, जिसे मैकमोहन लाइन कहा जाता है, उस पर फाइटर जेट की तैनाती और उसकी उड़ान लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश के इलाकों काफी बढ़ गई है। वे लगभग रोजाना सीमा पर मंडरात रहते हैं। एक चीनी फाइटर जेट तो 28 जून को पूर्वी लद्दाख के विवादित इलाकें में भारतीय चौकियों के ऊपर से भी गुजरा था। तब जवाब में हमारी वायुसेना ने भी फाइटर जेट उड़ाए थे। भारत ने इस पूरे मामले को चीन के साथ उठाया था। लद्दाख में पिछले 2 साल से सैन्य टकराव चल रहा है और दोनों ही देशों के 50-50 हजार सैनिक सीमा पर तैनात हैं। वहीं चीन ने पिछले दो साल में पूरे व्यवस्थित तरीके से भारत से लगे अपने सभी एयरबेस को अत्याधुनिक बनाया है। भारत के हमले का जवाब देने के लिए चीन ने कई एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम लगाए हैं। लेकिन चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में भारतीय सेना सक्षम है।
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