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Hindi News विदेश एशिया पाकिस्तान पर दोहरी मार, कर्ज की किश्त चुकाने में और गिरा विदेशी मुद्रा भंडार, सिर्फ इतना रह गया

पाकिस्तान पर दोहरी मार, कर्ज की किश्त चुकाने में और गिरा विदेशी मुद्रा भंडार, सिर्फ इतना रह गया

हाल ही में पाकिस्तान ने पुराने कर्ज की भरपाई के लिए एक किश्त चुकाई है। इसके बाद इस देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से भी कम रह गया है। जो कि पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है।

पाकिस्तान पर दोहरी मार, कर्ज की किश्त चुकाने में और गिरा विदेशी मुद्रा भंडार- India TV Hindi Image Source : FILE पाकिस्तान पर दोहरी मार, कर्ज की किश्त चुकाने में और गिरा विदेशी मुद्रा भंडार

Pakistan Economic Crisis: कंगाल पाकिस्तान दाने दाने के लिए मोहताज हो गया है। देश चलाने के लिए पैसा नहीं बचा है। कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना मजबूरी बन गया है। इस नई मुसीबत से पाकिस्तान को उबरने के लिए कुछ उपाय नहीं सूझ रहा है। इन सबके बीच हाल ही में पाकिस्तान ने पुराने कर्ज की भरपाई के लिए एक किश्त चुकाई है। इसके बाद इस देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से भी कम रह गया है। जो कि पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है। 

2.9 अरब डॉलर रह गया है पाक का विदेशी मुद्रा भंडार

पाकिस्तान की सरकार ने हाल ही में पुराने कर्जे की एक किश्त चुकाई, जिसके बाद उनका विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 बिलियन डॉलर हो गया है।
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने डेटा जारी कर विदेशी मुद्रा में आई गिरावट के बारे में बताया है। पहले ही बेलआउट पैकेज के लिए IMF के सामने गिड़गिड़ाते पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में आई कमी उनके लिए चिंता का विषय है। 

पाकिस्तान को एक उम्मीद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाली इमदाद की थी। लेकिन वो भी ठंडे बस्ते में है। पाकिस्तान बेलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ से लगातार मांग कर रहा है। लेकिन IMF ने कुछ ऐसी कड़ी शर्तें रखी हैं, जिन्हें मानने की स्थिति में फिलहाल पाकिस्तान नजर नहीं आ रहा है। 

IMF ने कर्ज के लिए पाकिस्तान के सामने रखीं ये दो बड़ी शर्त

IMF ने पाकिस्तान के सामने जो दो सबसे बड़ी शर्तें रखी हैं। उनमें से एक सब्सिडी कम करके बिजली बिलों में बढ़ोतरी करना है। वहीं दूसरी शर्त यह है कि पाकिस्तान की सरकार को अपने ग्रेड 17 से ऊपर के सभी अधिकारियों की प्रॉप्रटी की जानकारी IMF के साथ साझा करनी होगी। इंटरनेशनल बॉडी की यह दोनों ही मांगें मानना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं है।

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