इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि शहबाज सरकार उनके खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज कर पूरी दुनिया में हंसी का पात्र बन गई है। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के मुताबिक, इमरान ने कहा कि जो कोई भी ये फैसले ले रहा है, उसे देश के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की लोकप्रियता से डरती है क्योंकि इस मुल्क के इतिहास में इतनी बड़ी रैलियां कभी नहीं हुई हैं।
‘गिल के खिलाफ आवाज उठाई तो आतंकवाद का केस लगा दिया’
आतंकवाद विरोधी मामले में पेश होने के बाद इस्लामाबाद में फेडरल जूडिशल एकेडमी के बाहर बोलते हुए इमरान खान ने कहा, ‘जब मैंने शाहबाज गिल के यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और कहा कि मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा, तो मेरे खिलाफ आतंकवाद का केस दर्ज कर दिया गया। यह जानने के बावजूद कि गिल को हिरासत में प्रताड़ित किया गया था, उन्हें फिर से पुलिस को सौंप दिया गया।’ इमरान का यह बयान तब आया है जब अमेरिका के कुछ मीडिया आउटलेट्स में उनके खिलाफ दर्ज आतंकी मामलों पर काफी कुछ छपा है।
Image Source : facebook.com/ImranKhanOfficialइमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान की सरकार उनकी पार्टी से डरती है।
‘पाकिस्तान के इतिहास में कभी भी इतनी बड़ी रैलियां नहीं हुई हैं’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान ने कहा कि जो कोई भी ये निर्णय ले रहा है उसे देश के बारे में सोचना चाहिए। इमरान ने कहा, ‘वे तहरीक-ए-इंसाफ की ताकत से डरते हैं, पाकिस्तान के इतिहास में इतनी बड़ी रैलियां नहीं हुई हैं। वे PTI की लोकप्रियता से डर गए हैं।’ पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने राजधानी में एक रैली के दौरान पुलिस, न्यायपालिका और अन्य सरकारी संस्थानों को धमकाने के आरोप में इमरान के खिलाफ पिछले हफ्ते दर्ज आतंकवाद के मामले में उन्हें एक सितंबर तक अंतरिम जमानत दे दी है।
Image Source : facebook.com/ImranKhanOfficialइमरान खान के जलसों में काफी भीड़ उमड़ रही है।
इमरान के सहयोगी गिल को देशद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किया गया
इससे पहले इमरान की पार्टी ने अपने समर्थकों से कहा था कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री को हिरासत में लिया जाता है तो वे लोग ‘सड़कों पर उतरें और फिर अगले दिन इस्लामाबाद पहुंचें।’ इमरान पर आतंकवाद-रोधी अधिनियम (आतंकवाद के कृत्यों के लिए सजा) की धारा-7 के तहत मामला दर्ज किया गया था। अपने भाषण में इमरान ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों, एक महिला मजिस्ट्रेट, पाकिस्तान के चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अपने सहयोगी शाहबाज गिल के साथ किये गये व्यवहार को लेकर मामला दर्ज कराने की धमकी दी थी। गिल को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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