इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को एक बार फिर अपनी सरकार के गिराये जाने के पीछे अमेरिकी साजिश का आरोप दोहराया है। इमरान ने दावा किया कि नई सरकार के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक और उसके नये बयान ने उनकी बात को साबित कर दिया है। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) ने शुक्रवार को कहा था कि इमरान के दावों के विपरीत उनकी सरकार को गिराने के पीछे कोई विदेशी साजिश नहीं थी। NSC ने इमरान द्वारा बार-बार किए इस गए दावे को खारिज कर दिया था कि अमेरिका ने विपक्षी दलों की मदद से उनकी सरकार गिराई है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद NSC ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसने वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास से पिछले महीने प्राप्त टेलीग्राम पर चर्चा की। बता दें कि इमरान खान ने इसी टेलीग्राम को आधार बनाकर आरोप लगाया है कि स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने के कारण अमेरिका ने षड्यंत्र करके उनकी सरकार गिरायी है। ‘जियो न्यूज’ की खबर के मुताबिक, इमरान ने अपने दावे को मजबूत करने के लिए एनएससी का हवाला दिया।
प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि NSC की बैठक में इस बात का समर्थन किया गया कि केबल वास्तविक थी और अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत ने अमेरिकी अधिकारी डोनाल्ड लू के साथ बैठक की थी। PTI अध्यक्ष इमरान ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी ने पाकिस्तान के राजदूत से कहा कि अगर उन्हें पद से हटा दिया गया तो इस्लामाबाद के लिए सब कुछ माफ कर दिया जाएगा।
इमरान ने कहा कि पाकिस्तानी दूत के साथ लू की मुलाकात के बाद, PTI के सहयोगियों को ‘यह एहसास’ होने लगा कि देश की स्थिति ठीक नहीं है। अमेरिका ने इमरान के दावों का खंडन किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा था कि अमेरिका हमेशा से कहता रहा है कि ‘उन अफवाहों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है, इसलिए हम इस बयान का स्वागत करते हैं।’ इमरान ने कहा कि एनएससी के नए बयान के बाद यह भी पुष्टि हो गई है कि राजनीतिक प्रमुख और हमारे कुछ सहयोगी इस बात से अनजान थे कि वे एक विदेशी साजिश का हिस्सा थे।
इमरान ने आरोप लगाया कि लंदन में बैठे व्यक्ति, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) प्रमुख नवाज शरीफ, उनके भाई प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के सह-अध्यक्ष एवं पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी सभी का इसका हिस्सा थे। उन्होंने आरोप लगाया, ‘वे सभी इस साजिश में शामिल थे।’ इस बीच, इमरान ने सुप्रीम कोर्ट से अमेरिकी केबल की जांच करने और खुली सुनवाई करने की अपील की। (भाषा)
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