इमरान खान ने कहा, अगर मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न नहीं रुका तो इस्लामाबाद तक रैली निकालूंगा
इमरान ने कहा, अगर मौजूदा सरकार ने PTI समर्थकों को निशाना बनाना नहीं बंद किया तो इस्लामाबाद तक आजादी आंदोलन किया जाएगा।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बीते अप्रैल में कुर्सी गंवाने के बाद से ही अपने देश की सरकार पर हमलावर हैं। एक तरफ पाकिस्तान जहां बाढ़ और आर्थिक समस्याओं से दो-चार हो रहा है, तो दूसरी तरफ इमरान ने भी सरकार को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है। इमरान खान ने अब सरकार को आगाह किया है कि अगर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का राजनीतिक उत्पीड़न जारी रहा तो वह इस्लामाबाद तक एक बहुत बड़ी रैली निकालेंगे।
‘...तो इस्लामाबाद तक होगा आजादी का आंदोलन’
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब प्रांत के गुजरात में एक जनसभा को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के कार्यकर्ताओं को तब से ही बेवजह निशाना बनाया जा रहा है, जब इस साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था। इमरान ने कहा, ‘अगर मौजूदा सरकार ने PTI समर्थकों को निशाना बनाना नहीं बंद किया तो इस्लामाबाद तक आजादी आंदोलन किया जाएगा।’
‘आपको कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी’
इमरान ने आगे कहा, ‘मैं आज आपको आगाह कर रहा हूं कि अगर आपने यह राजनीतिक उत्पीड़न जारी रखा तो हमारा न्याय आंदोलन इस्लामाबाद पहुंचेगा और आपको कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी।’ उन्होंने अपने करीबी सहयोगी शहबाज गिल समेत पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बाद से सरकार के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। इमरान ने गिल पर कथित जबरन कार्रवाई के लिए सरकार की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें नग्न और प्रताड़ित किया गया।
‘फारूकी को नग्न होने को मजबूर किया गया’
इमरान ने कहा, ‘सरकार ने पत्रकार जमील फारूकी को भी प्रताड़ित किया। उन्हें नग्न होने के लिए मजबूर कर अपमानित किया गया। हलीम आदिल के खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उन्हें भी जेल में प्रताड़ित किया जा रहा है।’ पूर्व प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को दिए संबोधन में युवाओं से कहा कि उन्हें एक साथ मिलकर देश के जूडिशल सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए। बता दें कि इमरान खान की सभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही है जिससे पाकिस्तान की सियासत में एक बड़े टकराव की आशंका पैदा हो गई है।