इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। पिछले दिनों उनकी पार्टी पीटीआई की ओर से इस्लामाबाद में किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़-फोड़, नुकसान और मौतों के मद्देनजर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने बड़ी बैठक की। इस दौरान देश में प्रमुख सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक का उद्देश्य हाल ही में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ द्वारा इस्लामाबाद में किए गए विरोध प्रदर्शन भी था।
बता दें कि इस प्रदर्शन में कई लोग मारे गए थे। सरकार ने सोमवार को आयोजित बैठक का ब्यौरा आधिकारिक तौर पर साझा नहीं किया, लेकिन समाचार पत्र 'डॉन' ने बैठक से जुड़े एक सूत्र के हवाले से बताया कि बैठक में 24 नवंबर को डी-चौक पर हुए विरोध प्रदर्शन पर भी चर्चा की गई और हिंसा तथा कानून प्रवर्तकों की हत्या में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शने का संकल्प व्यक्त किया गया। सूत्र ने कहा, "यह निर्णय लिया गया कि सुरक्षाकर्मियों की हत्या करने वालों और राज्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।"
आंतरिक और वाह्य सुरक्षा पर चर्चा
बैठक में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया और इसमें आतंकवादी हमलों में वृद्धि पर भी चर्चा की गई। बैठक में खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर की उस धमकी पर भी चर्चा हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सरकार ने इमरान खान को जेल से रिहा नहीं किया तो वे इस्लामाबाद तक एक और विरोध मार्च निकालेंगे। समाचार पत्र डॉन के अनुसार सुरक्षा अधिकारियों ने आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से जुड़े मामलों पर भी विस्तृत जानकारी दी। (भाषा)
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