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Hindi News विदेश एशिया इमरान खान को कोर्ट से मिली राहत, मगर पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने किया आहत; जानें पूरा मामला

इमरान खान को कोर्ट से मिली राहत, मगर पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने किया आहत; जानें पूरा मामला

इमरान खान के लिए शनिवार को दिन थोड़ी खुशी और थोड़ा गम लेकर आया। सुरक्षित सीट के मामले में जहां पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पार्टी के हक में फैसला सुनाया तो वहीं सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट के केस में इमरान की मुश्किलें बढ़ गईं।

इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री। - India TV Hindi Image Source : AP इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री।

इस्लामाबादः पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को बड़ी राहत देते हुए चुनाव आयोग के प्रति असंतोष प्रकट किया। कोर्ट ने सुरक्षित सीट के संबंध पर अदालत के फैसले को लागू करने का आदेश दिया। इस फैसले से जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी को फायदा होने की संभावना है। अगर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अक्षरशः पालन किया जाता है तो खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है तथा सुरक्षित सीटों के जुड़ने से इसकी सीट में वृद्धि हो सकती है।

शीर्ष अदालत का यह आदेश प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि इससे पीटीआई संसद के दोनों सदनों में सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने 15 जुलाई को पीटीआई को सुरक्षित सीट आवंटित करने के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की थी। इससे पहले, शीर्ष अदालत की 13 सदस्यीय पीठ ने 12 जुलाई को आठ-पांच के बहुमत से फैसला सुनाया था कि पीटीआई नेशनल असेंबली और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित सीट के लिए पात्र है। अदालत ने पीटीआई को संसदीय दल भी घोषित किया था। 

विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बढ़ी मुश्किल

कोर्ट से एक तरह जहां, पूर्व पीएम इमरान खान को राहत मिली तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने उनकी मुश्किलों को बढ़ा दिया। एफआईए ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर विवादित पोस्ट को लेकर शनिवार को अदियाला जेल में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से करीब 45 मिनट तक पूछताछ की। इस पोस्ट में कथित तौर पर प्रमुख सरकारी संस्थानों के अध्यक्षों को निशाना बनाया गया था। एफआईए ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सरकार और सरकारी संस्थानों के खिलाफ कथित तौर पर विद्रोह भड़काने के आरोप में खान के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया था।

पूछताछ के दौरान खान से पोस्ट के पीछे मकसद को लेकर सवाल जवाब किए गए और यह भी पूछा कि उनका सोशल मीडिया खाता कौन संभाल रहा है। एफआईए टीम के जांच जारी रखने तथा यह निर्धारित करने के लिए पुनः वहां आने की उम्मीद है कि खान के सोशल मीडिया खातों के प्रबंधन तथा ऐसे पोस्ट के लिए निर्देश जारी करने के लिए कौन जिम्मेदार है। खान (71) ने पहले इस बात पर जोर दिया था कि वह केवल अपनी कानूनी टीम की उपस्थिति में ही जांच में सहयोग करेंगे और उन्होंने एफआईए जांच टीम से मिलने से इनकार कर दिया था। (भाषा)

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