Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत की तारीफ की है। इमरान खान ने एक वीडियो शेयर करते हुए भारत की विदेश नीति को सराहा है। इमरान खान ने कहा कि भारत ने अमेरिका के विरोध के बावजूद रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदा है, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि ‘हम भी भारत की तरह रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना चाहते थे, पर ये न हो सका। इमरान खान ने कहा कि ‘पाकिस्तान भारत की तरह सस्ता रूसी कच्चा तेल प्राप्त करना चाहता था, लेकिन वह ऐसा करने में सक्षम नहीं हो पाए क्योंकि उनकी सरकार गिर गई। एक वीडियो जारी करके इमरान खान ने अपनी बात रखी।
‘हम भारत की तरह कच्चा रूसी तेल नहीं हासिल कर सके‘, बोले इमरान खान
रिपोर्ट के अनुसार इमरान खान ने वीडियो संदेश में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम भारत की तरह ही सस्ता रूसी कच्चा तेल प्राप्त करना चाहते थे, लेकिन दुर्भाग्य से अविश्वास प्रस्ताव के कारण मेरी सरकार गिर गई।‘ दरअसल , पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान 23 सालों में रूस जाने वाले पहले पीएम थे। लेकिन यूक्रेन से जंग के बीच रूस का दौरा करने के बावजूद वे पुतिन से कच्चे तेल की डील नहीं कर सके। इस दौरे के कारण उलटे उनकी किरकिरी हुई। अमेरिका ने विरोध जताया और इमरान खान ने अपनी सरकार के गिरने में अमेरिका का ही हाथ बताया।
बुरे दौर से गुजर रहा है पाकिस्तान, खाने के पड़ रहे लाले
बता दें कि पाकिस्तान इन दिनों बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। यहां खाने का आटा नहीं, रसोई गैस की किल्लत, बिजली संकट आम जनजीवन को परेशान कर रहा है। वहीं देश का खजाना खाली हो चुका है। ऐसे में पाकिस्तान चाहता था कि भारत की ही तरह बड़ी मात्रा में वह रूस से तेल खरीद ले, लेकिन अमेरिकी दबाव और खुद उसकी माली हालत खराब होने के चलते ऐसा संभव न हो सका।
इमरान पहले भी कर चुके हैं पड़ोसी देश भारत की प्रशंसा
इमरान खान भले ही दुश्मन देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे, लेकिन पहले भी कई बार उन्होंने भारत की प्रशंसा की है। उन्होंने सितंबर 2022 में एक सार्वजनिक सभा में कहा था ‘दुनिया में नवाज के अलावा किसी अन्य नेता के पास अरबों की संपत्ति नहीं है, यहां तक कि हमारे पड़ोसी देश में भी पीएम मोदी के पास भारत के बाहर कितनी संपत्ति है‘। इससे पहले मई 2022 में इमरान खान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के दबाव के बावजूद रूस से सस्ते तेल खरीदने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की सराहना की थी।
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