Pakistan: अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी की मौत से पाकिस्तान में कोहराम मचा हुआ है। इस घटना को लेकर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने शाहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दी है। पीटीआई ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी ड्रोन ने इस हमले के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया था हालांकि, पाकिस्तान सरकार और सेना ने इन आरोपों से इनकार कर रही है। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि इस तरह के हमले के लिए पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल करने का सवाल ही नहीं उठता। है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार सुबह अमेरिका ने ड्रोन हमले में अल-जवाहिरी को मार गिराया गया था। हमला इतना सटीक था कि घर की बालकनी में मौजूद जवाहिरी ही मारा गया। कई रिपोर्टस के मुताबिक, घर के सदस्य पूरी तरह से सुरक्षित थे। 9/11 हमले का मास्टरमाइंड था, अमेरिक की सरकार ने 25 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था।
फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी सेना के बयान पर उठाए सवाल
पाकिस्तानी सेना के इसी बयान पर पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने कहा कि सवाल पाकिस्तान की धरती के इस्तेमाल का नहीं, बल्कि उसके हवाई क्षेत्र का था। उन्होंने कहा कि हम सभी संबंधित मंत्रालयों से औपचारिक बयान की मांग करते हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने दिया गया। चौधरी ने आगे कहा कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल नहीं किए जाने पर बार-बार बयान देना स्पष्ट नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संबंधित मंत्रालयों को इस मामले पर औपचारिक बयान जारी करना होगा।
अमेरिका को लेकर इमरान खान ने भी सरकार को घेरा
इमरान खान ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की अमेरिका की अनुमति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका को हवाई क्षेत्र मुहैया कराने से अफगानिस्तान के साथ संबंध खराब हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि अगर हम जगह देते हैं और अगर अमेरिका अफगानिस्तान में ड्रोन हमला करता है तो इससे हमारे कबायली इलाके प्रभावित होंगे। क्या हम इन संकटों के बीच किसी और के युद्ध का हिस्सा बनना चाहते हैं?
अमेरिकी ड्रोन हमले को लेकर पाक सरकार पर निशाना
,ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पूछा था कि क्या अमेरिका ने हाल ही में जवाहिरी को मारने वाले ड्रोन हमले के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि क्या हम अलकायदा के खिलाफ फिर से अमेरिका के हथियार बनने जा रहे हैं। वही पाकिस्तानी सेना के डीजी आईएसपीआर बाबर इफ्तिखार ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने इस पर विस्तार से सफाई दी है। ये सब अफवाहें हैं, क्योंकि सोशल मीडिया पर कोई भी कुछ भी लिख सकता है। हमें इससे बचना चाहिए। खासतौर पर हमारे दुश्मन ने ऐसी सूचनाएं फैलाई हैं और लोग इसके शिकार हो जाते हैं।
अल-जवाहिरी कहां पर रहता था?
जिस तरह के किले में ओसाम बिन लादेन रहता था, ठीक वैसे ही घर में अल-जवाहिरी भी रहा करता था। ये घर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के शेरपुर में है। इस चार मंजिला इमारत में एक बेसमेंट भी है और इस बंगले को उसी तरह बनाया गया, जैसा पाकिस्तान में बंगले बनाए जाते हैं। इस किले में कई कमरे हैं, जिन्हें बेडरूम और कार्यस्थल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इसी साल सीआईए को छह महीने पहले अल-जवाहिरी की लोकेशन के बारे में पता चला था। बीते कुछ महीनों से सीआईए को स्पष्ट हो गया कि आतंकी काबुल के इसी घर में रह रहा है। जवाहिरी अपने घर से बाहर नहीं आया था। फिर सीआईए के रीपर ड्रोन ने दो हेलफायर मिसाइल की मदद से जवाहिरी को मार गिराया। अधिकारियों का कहना है कि तालिबानी नेताओं को पता था कि जवाहिरी इसी घर में रह रहा है। इस ऑपरेशन में एक भी आम नागरिक नहीं मारा गया है।
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