लाहौरः इस्लामाबाद में कुछ दिनों पहले अपनी पीटीआई से विरोध रैली करवाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक नई मुश्किल में फंस गए हैं। पाकिस्तान की एक अदालत ने जेल में बंद इमरान खान को पिछले साल हुए दंगों में अपराधियों को उकसाने और साजिश रचने का दोषी करार दिया है। इससे उनका राजनीतिक भविष्य और गहरे अंधकार में चला गया है। बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक पर नौ मई 2023 की हिंसा के संबंध में लाहौर में कई मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें अपने समर्थकों को सरकारी और सैन्य भवनों पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप भी शामिल था।
अब उन पर अदालत का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब अभी इसी हफ्ते पीटीआई ने इस्लामाबाद में इमरान खान के आह्वान पर सरकार के विरोध में बड़ी रैली की थी। इसमें कई लोगों की मौत भी हो गई थी। इसके बाद सरकार ने आंदोलनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया तो पार्टी ने रैली समाप्त घोषित कर दी। आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश मंजर अली गिल ने पिछले साल नौ मई के दंगों के आठ मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद जमानत याचिकाओं के बारे में जारी एक लिखित आदेश में टिप्पणी की, ‘‘ये अपराध सीआरपीसी की धारा 497 के निषेधात्मक खंड के अंतर्गत आते हैं। याचिकाकर्ता इमरान खान को दोषी पाया जाता है।
अब जेल से निकलना मुश्किल
’’ न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने षड्यंत्र रचने के आरोप को साबित करने के लिए गवाहों के बयान तथा याचिकाकर्ता के खिलाफ उकसावे और उकसाने के आरोप को साबित करने के लिए ऑडियो/विजुअल साक्ष्य पेश किए। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ अदालत यह भी जानती है कि याचिकाकर्ता कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। वह पीटीआई का अध्यक्ष है और उसके निर्देश और संचार कार्यकर्ताओं, अन्य वरिष्ठ नेताओं, मतदाताओं और समर्थकों के लिए महत्वपूर्ण हैं.’’। खान कई मामलों में पिछले साल अगस्त से जेल में बंद हैं। उन्हें कुछ मामलों में दोषी ठहराया गया है और कुछ में जमानत मिल गई है। मगर अब उनका जेल से निकल पाना बेहद मुश्किल हो गया है। (भाषा)
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