I2U2 Summit: पश्चिम एशिया में बन रहा नया क्वाड, अमेरिका, भारत, इजरायल और यूएई मिलकर बना रहे ग्रुप, जानिए इसके फायदे
I2U2 Summit: अगले महीने जब जो बाइडेन इजरायल की यात्रा पर होंगे तब इस ग्रुप की आधिकारिक शुरुआत होगी।
I2U2 Summit: अमेरिका,भारत, यूएई और इजरायल मिलकर क्वाड की तरह एक नया ग्रुप बना रहे हैं, जिसका नाम I2U2 है। इसे पश्चिम एशिया का क्वाड कहा जा रहा है। इन देशों के आपस में मिलने से मिडिल—ईस्ट में नई इक्वेशन बनेगी। इन देशों के बीच ट्रेड, टेक्नोलॉजी, डिफेंस के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करेंगे। साथ ही स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप का भी लाभ मिलेगा। अमेरिका के इजराइल के साथ पारंपरिक रूप से अच्छे संबंध हैं। भारत के भी यूएई और इजराइल से अच्छे रिलेशन हैं। इस कारण नए क्वाड का यह समीकरण हमारे लिए भी फायदेमंद रहेगा। I2U2 ग्रुप इसमें शामिल देशों के बीच के व्यापारिक संबंधों को मजबूती देगा। इसे लेकर अगले हफ्ते चारों चारों देशों की एक वर्चुअल बैठक भी होने वाली है। अगले महीने जब जो बाइडेन इजरायल की यात्रा पर होंगे तब इस ग्रुप की आधिकारिक शुरुआत होगी। जानिए I2U2 के बारे में कुछ और बातें।
क्या है I2U2 संगठन?
अमेरिका ने I2U2 संगठन का गठन किया है। जिसमें भारत, इज़रायल, अमेरिका और यूएई शामिल हैं। इस समूह में 'आई 2' का मतलब है इंडिया और इजरायल। वहीं 'यू 2' यूएस और यूएई के लिए है। अमेरिका के अनुसार, आई2यू2 से तात्पर्य 'इंटरेक्शन इन अंडरस्टैंडिंग द यूनिवर्स' है। इस संगठन में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक अक्टूबर 2021 में हुई थी। इसमें हमारे देश की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हिस्सा लिया था।
I1U2 का अहमियत अचानक कैसे बढ़ गई?
अक्टूबर 2021 में जब भारत, अमेरिका, इजरायल और यूएई के विदेश मंत्रियों ने पहली बार बैठक की थी, तब इसे इंटरनेशनल फोरम फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन का नाम दिया गया था। लेकिन समय के साथ बदलते भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद इस गठबंधन की अहमियत काफी ज्यादा बढ़ गई है। यही कारण है कि इस बार की बैठक में इन चारों देशों के शीर्ष राजनेता, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इजरायली पीएम नफ्ताली बेनेट और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान हिस्सा लेने वाले हैं।
भारत की भूमिका पर अमेरिका की यह राय
आईटूयूटू में भारत की अहमियत के बारे में अमेरिका के विदेश विभाग के स्पोकपर्सन नेड प्राइस का कहना है कि भारत के बड़ा मार्र्केट है। यहां एक बहुत बड़ा उपभोक्ता बाजार है, हाईटेक और टेक्नो फ्रेंडली है भारत। खासकर खाद्यान्न संकट के दौरान जब गेहूं की डिमांड मिडिल—ईस्ट सहित दुनिया के कई देशों में हैं। ऐसे में भारत की अहमियत और बढ़ जाती है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है। कई अरब देशों ने भारत से गेहूं मांगा है। साथ ही ज्यादा मांग वाले अन्य उत्पादों का भी भारत उत्पादक है। ऐसे सभी क्षेत्रों में आईटूयूटू के देश साथ मिलकर काम कर सकते हैं।