हूतियों के हमले की चपेट में आया अमेरिकी जहाज, जंग के और भड़कने के आसार
यूएस सेंट्रल कमांड ने घोषोणा की है कि सोमवार को हूती विद्रोहियों ने एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल से अमेरिका के स्वामित्व वाले और संचालित मालवाहक जहाज पर हमला किया है।
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के बीच लाल सागर के क्षेत्र में युद्ध का नया मोर्चा खुलने का डर बढ़ता चला जा रहा है। दरअसल, यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से इस समुद्री रास्ते से आने-जाने वाले जहाजों पर लगातार मिसाइल और ड्रोन हमले किए जा रहे हैं। इसके जवाब में अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने साथ मिलकर हूतियों के ठिकानों पर हमले किए हैं। हालाांकि, इस बीच हूती विद्रोहियों की एक मिसाइल अमेरिकी जहाज को अपना निशाना बना लिया है। इस घटना के बाद अब इस युद्ध के और भड़कने की संभावना जताई जा रही है।
मिसाइल ने जहाज को हिट किया
यूएस सेंट्रल कमांड ने घोषोणा की है कि सोमवार को हूती विद्रोहियों ने एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल से अमेरिका के स्वामित्व वाले और संचालित मालवाहक जहाज पर हमला किया है। जिब्राल्टर ईगल नाम के जहाज पर हुआ हमला पहली घटना है जिसमें हूतियों ने अमेरिका के स्वामित्व वाले किसी जहाज पर सीधा हमला कर दिया है और मिसाइल जहाज से जा टकराई हो। इस घटना के कारण माना जा रहा है कि अमेरिका हूती विद्रोहियों पर बड़ा हमला कर सकता है।
कितना नुकसान हुआ?
यूएस सेंट्रल कमांड ने कहा है कि जिब्राल्टर ईगल जिसका स्वामित्व और संचालन अमेरिका स्थित ईगल बल्क द्वारा किया जाता है हूती मिसाइल की चपेट में आया है। हालांकि, मिसाइल से जहाज को महत्वपूर्ण क्षति नहीं हुई। जहाज पर सवार सभी नाविकों के सुरक्षित होने की पुष्टि की गई है। जहाज की मालिक कंपनी ने भी कहा है कि अदन की खाड़ी में लगभग 100 मील दूर स्टील उत्पादों का माल ले जा रहा उनका जहाज किसी अज्ञात प्रोजेक्टाइल की चपेट में आया है।
अमेरिका-ब्रिटेन ने किया था हमला
इससे पहले अमेरिकी वायुसेना ने हूती ठिकानों पर पहला हवाई हमला करने के बाद कहा था कि उसने यमन में हूती द्वारा इस्तेमाल किए गए 16 स्थानों पर 60 से अधिक ठिकानों पर हमला किया है। यमन की राजधानी सना और अल-हुदायदाह में अमेरिका और ब्रिटेन ने मिसाइलें दागी हैं। ये दोनों शहर लाल सागर बंदरगाह क्षेत्र में हूतियों के गढ़ माने जाते हैं। हूती अधिकारियों ने जवाबी प्रतिक्रिया में ब्रिटेन और अमेरिका को चेतावनी दी है। हूती विद्राहियों ने भी अमेरिका और ब्रिटेन को चेतावनी देकर कहा है कि उन्हें ‘भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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