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नेपाल में भारी बारिश ने मचाई तबाही, भूस्खलन की घटनाओं में सात लोगों की हुई मौत

नेपाल में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। भारी बारिश के चलते पश्चिमी नेपाल में हुई भूस्खलन की घटनाओं में सात लोगों की जान जा चुकी है। नेपाल में मानसून संबंधी आपदाओं के चलते एक दशक में 1,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

नेपाल में भूस्खलन (सांकेतिक तस्वीर)- India TV Hindi Image Source : FILE AP नेपाल में भूस्खलन (सांकेतिक तस्वीर)

काठमांडू: पश्चिमी नेपाल में पिछले 24 घंटों में लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में दो परिवारों के सात लोगों की मौत हो गई है। पुलिस की तरफ से सोमवार को यह जानकारी दी गई है। पुलिस के अनुसार, रविवार रात बंगल नगरपालिका-10 में भूस्खलन के कारण एक घर बह गया, जिससे बझांग जिले में एक परिवार के चार सदस्य जिंदा दफन हो गए। पुलिस ने बताया कि मरने वालों में 50 वर्षीय काली धामी, उनकी बहू तथा छह एवं तीन साल के पोते शामिल हैं। हालांकि, परिवार के छह अन्य सदस्य प्रकृति के इस प्रकोप से बच गए। 

यहां भी हुआ भूस्खलन

जजरकोट जिले में, नलगढ़ नगरपालिका-2 के माझागांव में सोमवार की सुबह भूस्खलन के कारण एक अस्थायी आश्रय स्थल गिर गया, जिससे एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, पिछले साल भूकंप में घर ढहने के बाद से यह परिवार अस्थायी आश्रय स्थल में रह रहा था। 

क्या कहते हैं आंकड़े

बता दें कि, पिछले महीने, चितवन जिले में नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग के किनारे सिमलताल क्षेत्र में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ था जिससे सात भारतीयों सहित 65 यात्रियों को ले जा रही दो बस बह गईं थीं। हिमालयी राष्ट्र में मानसून संबंधी आपदाओं के कारण एक दशक में 1,800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस दौरान लगभग 400 लोग लापता हो गए और 1,500 से अधिक लोग आपदाओं में घायल हुए हैं। 

भूस्खलन का कारण क्या है? 

भूस्खलन तब होता है जब गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव किसी पहाड़ी या पहाड़ की ढलान बनाने वाली भू-सामग्री की ताकत से अधिक हो जाता है। भू-सामग्री चट्टानें, रेत, गाद और मिट्टी जैसी विविध सामग्री हो सकती हैं। फिर इस ढलान का कुछ भाग नीचे की ओर खिसकने लगता है। इस बात पर निर्भर करते हुए कि ढलान कहां तक है, नीचे फिसलने वाली सामग्री का आयतन केवल कुछ घन मीटर से लेकर लाखों घन मीटर हो सकता है। (भाषा)

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