क्या हिजबुल्ला के पेजर खरीदने के दौरान ही मोसाद ने फिट करवा दिया था विस्फोटक, जानें कहां से आए थे ये विशेष उपकरण?
लेबनान में जिन पेजर्स में धमाका करके पूरे देश में सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया गया, उसे करीब 1, 2 माह पहले ही हिजबुल्ला ने ऑर्डर पर मंगाया था। लेबनान के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हिजबुल्ला ने इसे ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी से मंगाया था। मगर ब्लास्ट कैसे हुआ, इस बारे में सोचकर हर कोई हैरान है।
न्यू ताइपे, ताइवानः जिस पेजर्स में ब्लास्ट करके तथाकथित रूप से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने पूरे लेबनान में खलबली मचा दी है, उसे हिजबुल्ला के आंतकियों ने कहां से खरीदा था? क्या हिजबुल्ला द्वारा पेजर्स का ऑर्डर दिए जाने के दौरान ही मोसाद ने उसमें विस्फोटक फिट करवा दिए थे। बता दें कि मंगलवार को लेबनान में एक साथ सैकड़ों पेजर्स में ब्लास्ट हो गया। इसमें कम से कम 9 लोग मारे गए और कम से कम 3000 लोग घायल हो गए। इसके बाद लेबनान की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि मोसाद ने हिजबुल्ला के पेजर्स ऑर्डर के दौरान ही उसमें मोसाद ने विस्फोटक फिट करवा दिया था।आइये आपको बताते हैं कि हिजबुल्ला ने ये पेजर्स कहां से खरीदे थे और इसे कौन बनाता है?
पेजर्स की निर्माता ताइवान के गोल्ड अपोलो कंपनी ने बुधवार को कहा कि लेबनान में विस्फोटों में इस्तेमाल किए गए पेजर उसके द्वारा नहीं बनाए गए थे, बल्कि इसे बीएसी नामक कंपनी ने बनाए गए थे। गोल्ड अपोलो ने कहा कि बीएसी के पास अपने ब्रांड का उपयोग करने का लाइसेंस है। लेबनान में जिन पेजर्स में ब्लास्ट हुए उसमें गोल्ड अपोलो लिखा हुआ था। मगर इस कंपनी का कहना है कि ये पेजर्स उसकी सहयोगी कंपनी ने बनाए थे।
हिजबुल्ला ने हाल में खरीदे थे 5000 पेजर्स
हिजबुल्ला ने इजरायली दुश्मनों और मोसाद की नजर से बचने के लिए अपने लड़ाकों के लिए 5 हजार पेजर्स हाल ही में खरीदे थे। ताइवान की गोल्ड अपोलो के अनुसार इसे बीएसी कंपनी ने हिजबुल्ला के ऑर्डर पर तैयार किया था। हिजबुल्ला को पहले से आशंका थी कि अगर उनके लड़ाके मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो उसे हैक कर मोसाद उनकी हत्या कर सकता है। इसलिए सभी के लिए पेजर्स का ऑर्डर दिया था। मगर इसमें भी ब्लास्ट हो गया। इससे हिजबुल्ला के आतंकी बौखला गए हैं। बता दें कि मंगलवार को पूरे लेबनान में हिज़्बुल्लाह सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए गए पेजर में एक साथ विस्फोट होने से कम से कम नौ लोग मारे गए और लगभग 3,000 घायल हो गए। रॉयटर्स के विश्लेषण में यह सामने आया था कि नष्ट किए गए पेजर की छवियों में पीछे की ओर एक प्रारूप और स्टिकर दिखाई दिए जो गोल्ड अपोलो द्वारा बनाए गए पेजर के अनुरूप थे।
लेबनान ने यहां से खरीदे थे पेजर्स
लेबनान के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि हिज़्बुल्लाह ने ताइवान स्थित गोल्ड अपोलो से 5,000 पेजर का ऑर्डर दिया था। हालांकि गोल्ड अपोलो ने कहा है कि इन पेजर्स को बीएसी ने बनाया था। उत्पाद हमारा नहीं था। गोल्ड अपोलो के संस्थापक और अध्यक्ष सू चिंग-कुआंग ने आज ताइपे में कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, 'यह केवल इतना था कि इस पर हमारा ब्रांड था।' कंपनी ने एक बयान में कहा कि बीएसी ने एआर-924 मॉडल का उत्पादन और बिक्री की थी। हम केवल ब्रांड ट्रेडमार्क प्राधिकरण प्रदान करते हैं और इस उत्पाद के डिजाइन या निर्माण में हमारी कोई भागीदारी नहीं है।"समूह के संचालन से परिचित दो सूत्रों ने इस साल रॉयटर्स को बताया कि हिज़्बुल्लाह लड़ाकों ने इस विश्वास के साथ पेजर का उपयोग करना शुरू किया कि वे अपने स्थानों पर इजरायली ट्रैकिंग से बच सकेंगे।
हिजबुल्ला कर रहा विस्फोट के कारणों की जांच
कंपनी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पेजर में विस्फोट कैसे किया गया होगा। वहीं सीरियल ब्लास्ट के बाद ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने कहा कि वह विस्फोटों के कारणों की "सुरक्षा और वैज्ञानिक जांच" कर रहा है। एक वरिष्ठ लेबनानी सुरक्षा स्रोत और एक अन्य स्रोत के अनुसार इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने लेबनानी समूह हिजबुल्लाह द्वारा आयातित 5,000 पेजर के अंदर महीनों पहले ही विस्फोटक लगाए थे। हालांकि इजरायल की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। वहीं दावा यह भी किया जा रहा है कि मोसाद ने इसकी रेडियो फ्रीक्वेंसी को हैक करके इसकी लीथियम बैटरी को इतना हीट कर दिया कि पेजर्स एक साथ फटने लगे। (रायटर्स)
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