गोटाबाया राजपक्षे के चचेरे भाई ने बताया, 24 अगस्त को श्रीलंका लौटेंगे पूर्व राष्ट्रपति
राजपक्षे के बारे में वीरतुंगा ने कहा, वह अभी भी देश के लिए कुछ सेवा कर सकते हैं जैसी उन्होंने पहले की थी।
कोलंबो: पिछले महीने देश छोड़कर भागे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 24 अगस्त को अपने वतन वापस लौटेंगे। उनके चचेरे भाई उदयंगा वीरातुंगा ने बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कह कि राजपक्षे ने उन्हें फोन पर बात की है। आर्थिक संकट को लेकर एक महीने से अधिक समय तक चले सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच राजपक्षे देश छोड़कर भाग गये थे। 2006 से 2015 तक रूस में श्रीलंका के राजदूत रहे वीरातुंगा ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे फोन पर बात की, मैं आपको बता सकता हूं कि वह अगले हफ्ते देश लौट आएंगे।’
‘राजपक्षे 24 अगस्त को लौट सकते हैं’
वीरातुंगा ने कहा कि राजपक्षे 24 अगस्त को लौट सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपदस्थ राष्ट्रपति को राजनीतिक पदों पर फिर से नहीं चुना जाना चाहिए। राजपक्षे के बारे में वीरतुंगा ने कहा, ‘लेकिन वह अभी भी देश के लिए कुछ सेवा कर सकते हैं जैसी उन्होंने पहले की थी।’ राजपक्षे फिलहाल थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के एक होटल में ठहरे हुए हैं, जहां पुलिस ने उन्हें सुरक्षा कारणों से घर के अंदर रहने की सलाह दी है। राजपक्षे दूसरे देश में स्थायी शरण लेने से पहले अस्थायी प्रवास के लिए 11 अगस्त को सिंगापुर से एक विशेष उड़ान से थाईलैंड पहुंचे थे। वह उसी दिन बैंकॉक पहुंचे जिस दिन सिंगापुर में उनका वीजा खत्म हो गया था।
राजपक्षे को थाईलैंड ने दी थी शरण
थाइलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओचा ने इससे एक दिन पहले पुष्टि की थी कि थाइलैंड सरकार ने राजपक्षे के देश में अस्थायी रूप से रहने पर सहमति जता दी है और इस दौरान राजपक्षे किसी तीसरे देश में स्थायी शरण मिलने की संभावनाएं तलाशेंगे। थाइलैंड के प्रधानमंत्री ने मानवीय आधार पर राजपक्षे को थाइलैंड यात्रा की इजाजत दी थी और कहा था कि उन्होंने किसी अन्य देश में स्थायी शरण की अपनी तलाश के दौरान इस देश में राजनीतिक गतिविधियां नहीं चलाने का वादा किया है।
जुलाई में देश छोड़कर भाग गए थे राजपक्षे
थाईलैंड सरकार ने पुष्टि की थी कि राजपक्षे के देश की यात्रा करने के लिए श्रीलंका की मौजूदा सरकार से अनुरोध प्राप्त हुआ था। जुलाई में श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच देश छोड़ने के बाद वह सिंगापुर गये थे। वह 13 जुलाई को मालदीव पहुंचे थे और उसके बाद सिंगापुर गये जहां उन्होंने देश के आर्थिक संकट को लेकर प्रदर्शनों के बीच अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। इससे पहले श्रीलंका में ‘डेली मिरर’ अखबार की एक खबर में कहा गया था कि राजपक्षे 90 दिन का थाई वीजा समाप्त होने के बाद नवंबर में श्रीलंका लौट आयेंगे।