japan Chandrayan News: भारत ने चंद्रमा पर चंद्रयान 3 को उतारकर दुनियाभर में वाहवाही बटोरी थी और बता दिया था कि यह बदला भारत है। दुनियाभर के देश भारत की इस उपलब्धि से चौंक गए थे। यही नहीं, भारत पहला ऐसा देश भी बना था, जिसने दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की हो। यही नहीं, चांद की खूबसूरत तस्वीरें जो भारत के चंद्रयान 3 से आई थी, वो भी देखी गईं। हमारे चंद्रयान के तर्ज पर ही इस बार जापान ने भी चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करवाई। लेकिन परेशानी यह हुई कि जापानी चंद्रयान उतरते ही उसका संपर्क धरती से टूट गया था।
जापान का चंद्रयान जब चांद की सतह पर उतरा, तब ऐसा माना जाने लगा था कि वह पूरी तरह बेजान हो गया है। लेकिन तभी अचानक किसी फिल्म की तरह 'चमत्कार' हुआ और चांद पर लैंडिंग करने के एक सप्ताह 'शांत' रहने के बाद उसका SLIM स्पेसक्राफ्ट काम करने लगा है। इस तरह बेजान पड़े जापानी चंद्रयान में अचानक फिर जान लौट आई है।
जानिए जापानी स्पेस एजेंसी ने क्या कहा?
जापान की अतंरिक्ष एजेंसी JAXA के प्रवक्ता ने बताया कि कैसे उनके चंद्रयान में जान लौट आई। उन्होंने कहा कि सौर पैनलों की गलत दिशा की वजह से स्पेसक्राफ्ट की बिजली कट गई थी, लेकिन अब उसने अपनी बिजली बहाल कर ली है।
20 जनवरी को हुई थी जापानी चंद्रयान की लैंडिंग
जापानी चंद्रयान की लैंडिंग 20 जनवरी को हुई थी। इसके पूरे 9 दिन बाद जापान ने ये संपर्क दोबारा स्थापित किया है। यही नहीं, उसने फंक्शन करना भी शुरू कर दिया है। बता दें कि जापान के मून लैंडर ने चांद पर अपने लक्षित लैंडिंग स्थल से 55 मीटर दूर, चंद्र भूमध्य रेखा के करीब एक गड्ढे में लैंडिंग में पिन प्वाइंट लैंडिंग में सफलता का हासिल की। ये एक एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें चंद्र ध्रुवों की भविष्य की खोज के लिए काफी संभावनाएं हैं।
तीन बार टाला गया था जापानी चंद्रयान मिशन
जहां भारत के चंद्रयान 3 ने सफलतापूर्व दक्षिणी चांद के हिस्से पर सफल लैंडिंग कर दुनिया को चौंकाया था। वहीं दूसरी ओर जापान ने एक दो बार नहीं बल्कि पूरे तीन बार अपने चंद्रयान की लैंडिंग को आगे के लिए टाला था। मौसम संबंधी गड़बड़ियों की वजह से अपने इस चंद्रयान अभियान को जापान ने तीन बार टाल दिया था।
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