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पाकिस्तान में तीन दिन बाद आम चुनाव, अशांत बलूचिस्तान में 80 फीसदी पोलिंग बूथ अति संवेदनशील

पाकिस्तान में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। अपने ही पाले आतंकवाद से ग्रस्त पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव होना है। ऐसे में अशांत बलूचिस्तान के 80 फीसदी मतदान केंद्र अति संवेदनशील बताए जा रहे हैं।

पाकिस्तान में तीन दिन बाद आम चुनाव- India TV Hindi Image Source : FILE पाकिस्तान में तीन दिन बाद आम चुनाव

Pakistan News: पाकिस्तान में 8 फवरी को देश के आम चुनाव है। लेकिन चुनाव से पहले अशांत बलूचिस्तान से चुनाव से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में चुनाव निष्पक्ष और सुचारू संपन्न होना टेढ़ी खीर है। ऐसे में अशांत बलूचिस्तान से जो आंकड़ा सामने आ रहा है, वो हैरान करने वाला है। अशांत बलूचिस्तान में 80 फीसदी मतदान केंद्र अति संवेदनशील हैं। बलूचिस्तान के कुल 5,028 मतदान केंद्रों में से केवल 961 यानी करीब 19 फीसदी सामान्य हैं। 

बलूचिस्तान के गृह मंत्री जुबैर जमाली ने प्रांत में चुनाव के दौरान संभावित सुरक्षा चुनौतियों के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों, प्रतिष्ठानों, सरकारी कर्मचारियों और नागरिकों पर हमले की कोशिश के मद्देनजर मतदान के दिन सुरक्षा बहुत कड़ी होगी। वहीं, उन्होंने बताया कि बलूचिस्तान में कुल 5,028 मतदान केंद्र हैं। इनमें से केवल 961 को सामान्य के रूप में नामित किया गया है। इसके अलावा 2,337 मतदान केंद्रों को 'संवेदनशील' और 1,730 को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है।

मतदान केंद्रों पर बढ़ाई जाएगी सुरक्षा बलों की तैनाती

प्रांतीय सरकार ने चुनाव संबंधी हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर पहले ही राजनीतिक रैलियों और नुक्कड़ सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। जमाली ने कहा कि मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी, खासकर संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में। पिछले साल से बलूचिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि हुई है।

बंद रहेंगी इंटरनेट सेवाएं 

बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जान अचकजई ने रविवार को घोषणा की थी कि जिन इलाकों में मतदान केंद्र संवेदनशील चिह्नित किए गए हैं, वहां इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित रहेंगी। उन्होंने कहा था कि हिंसा भड़काने और अफवाह फैलाने के लिए आतंकवादी और शरारती तत्व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए ऐसे खतरों से बचने के लिए टर्बत, माछ और चमन सहित विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनेट तक पहुंच प्रतिबंधित होगी।

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