दो शिया-सुन्नी देशों की दोस्ती चढ़ रही परवान, ईरान में अपना दूतावास खोल रहा सऊदी अरब
चीन, सऊदी अरब और ईरान के बीच 10 मार्च को हुए एक समझौते में दो महीने के भीतर राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने और दूतावासों और मिशनों को फिर से खोलने की बात कही गई थी। सऊदी अरब और ईरान की यह दोस्ती अमेरिका के ही बड़े दुश्मन चीन ने करवाई है।
Saudi Arab-Iran News: शिया बहुल देश ईरान और सुन्नी देश सऊदी अरब जो कभी एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे, अब दोस्ती भुलाकर एक-दूसरे के साथ औपचारिक रिश्तों का आगाज कर रहे हैं। सऊदी अरब अब अपने नए दोस्त ईरान के यहां अपना दूतावास खोलने जा रहा है। इसके लिए सऊदी अरब का तकनीकी प्रतिनिधिमंडल स्थिति का आकलन करने और देश में सऊदी दूतावास और महावाणिज्य दूतावास को फिर से खोलने की प्रक्रियाओं पर चर्चा करने के लिए ईरान पहुंच गया है। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी प्रेस एजेंसी का हवाला देते हुए ईरानी छात्रों की समाचार एजेंसी ;आईएसएनएद्ध ने कहा कि बीजिंग में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए हुए समझौतों के बाद यह यात्रा हो रही है।
रिपोर्ट के अनुसार सऊदी प्रतिनिधिमंडल तेहरान का दौरा करने के बाद ईरान की राजधानी में दूतावास फिर से खोलने के सभी पहलुओं पर चर्चा करेगा। पूर्वोत्तर ईरानी शहर मशहद में सऊदी वाणिज्य दूतावास को फिर से खोलने के लिए स्थिति का आंकलन करेगा। उनके आगमन के बाद टीम के सदस्यों ने तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय में समारोहों के महानिदेशक मेहदी होनारदोस्त से मुलाकात की। सदस्यों ने मंत्रालय के अधिकारियों को उनके गर्मजोशी से स्वागत करने और प्रतिनिधिमंडल की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए धन्यवाद दिया।
2016 में ईरान अके साथ सऊदी अरब ने तोड़ लिए थे रिश्ते
सुन्नी देश सऊदी अरब ने ईरान से 2016 में अपने रिश्ते तब तोड़ लिए थे, जब ईरान में सऊदी राजनयिक मिशनों पर हमले किए गए थे। तब इससे नाराज होकर सऊदी अरब ने ईरान से करीब 7 साल पहले अपने रिश्ते तोड़ लिए थे और दोनों अलग अलग राह पर चल पड़े थे। वहीं ईरान में एक शिया धर्मगुरु को मार दिया गया था। दरअसल, पश्चिमी एशिया में संघर्षाें में दोनों देशों के रास्ते अलग अलग हैं। सऊदी अरब जहां अमेरिका के मित्र देशों में गिना जाता है। खाड़ी देशों में सऊदी अरब अमेरिका का स्ट्रेटेजिक पार्टनर रहा है।
ईरान का दुश्मन है अमेरिका, लेकिन सऊदी अरब का दोस्त
वहीं ईरान और अमेरिका के बीच दुश्मनी जगजाहिर है। ईरान के एक सैन्य कमांडर को ड्रोन हमले में अमेरिका द्वारा मार गिराए जाने के बाद से ही ईरान और अमेरिका के संबंध और ज्यादा कटु हो गए थे। अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध भी लगा दिए। उधर, ईरान और सऊदी अरब के बीच दुश्मनी का एक और बड़ा कारण यह था कि यमन में जहां ईरान हूती विद्रोहियों का समर्थन करता है तो वहीं सऊदी अरब स्थानीय सरकार के साथ मिलकर उनके खिलाफ लड़ता है। लेकिन 2023 में रिश्तों की एक नई इक्वेशन बनी। इसका कर्ता धर्ता चीन था।
सऊदी अरब और ईरान के बीच 10 मार्च को चीन में हुई थी दोस्ती
चीन, सऊदी अरब और ईरान के बीच 10 मार्च को हुए एक समझौते में दो महीने के भीतर राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने और दूतावासों और मिशनों को फिर से खोलने की बात कही गई थी। दरअसल, सऊदी अरब और ईरान की यह दोस्ती अमेरिका के ही बड़े दुश्मन चीन ने करवाई है। इससे अमेरिका को मिर्ची लग गई। सऊदी और ईरान की दोस्ती के बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ अचानक से पिछले सप्ताह रियाद गए थे। उन्होंने सऊदी प्रिंस को जमकर सुना दिया। हालांकि इन सबके बीच सऊदी अरब और ईरान दोस्ती के ट्रैक पर साथ चल पड़े हैं।