शनिवार को थाईलैंड से श्रीलंका लौटेंगे पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, आधिकारिक सूत्रों ने दी जानकारी
महिंदा राजपक्षे ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि वापसी के बाद गोटाबाया सियासत में शामिल होंगे या नहीं।
कोलंबो: श्रीलंका में जनता के प्रदर्शन के बीच जुलाई में देश छोड़कर भागने वाले पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे शनिवार को थाईलैंड से स्वदेश लौटेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि वह शनिवार की सुबह श्रीलंका लौट आएंगे। राजपक्षे श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच उनके तत्काल इस्तीफे की मांग को लेकर महीनों से जारी विरोध-प्रदर्शनों के 9 जुलाई को हिंसक रूप अख्तियार करने के बाद 13 जुलाई को देश छोड़कर भाग गए थे। उस समय प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राष्ट्रपति आवास सहित कई अन्य सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया था।
कहां रहेंगे? यह अभी तय नहीं है
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजपक्षे शनिवार की सुबह श्रीलंका लौटेंगे। हालांकि, उनकी फ्लाइट के बारे में अभी कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी है। अभी यह भी साफ नहीं है कि वह कोलंबो के पूर्वी उपनगर मिरिहाना स्थित अपने निजी आवास में ठहरेंगे या नहीं। पूर्व राष्ट्रपति के रूप में राजपक्षे एक सरकारी बंगले और अन्य सुविधाओं के हकदार हैं। न्यूज फर्स्ट की वेबसाइट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने कहा कि उन्हें उनके छोटे भाई गोटबाया राजपक्षे की संभावित वापसी की सूचना मिली है।
करीब 2 महीने से थाईलैंड में हैं गोटाबाया
महिंदा राजपक्षे ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि वापसी के बाद गोटाबाया सियासत में शामिल होंगे या नहीं। गोटबाया राजपक्षे पहले श्रीलंका वायुसेना के विमान के जरिये कोलंबो से मालदीव भागे थे। मालदीव के बाद वह सिंगापुर रवाना हुए थे, जहां से उन्होंने 14 जुलाई को अपना इस्तीफा भेजा था। बाद में राजपक्षे ने अस्थायी ठिकाने की तलाश में थाईलैंड के लिए उड़ान भरी थी। थाईलैंड के विदेश मंत्री डॉन प्रमुदविनई ने कहा है कि राजपक्षे 90 दिन तक देश में रह सकते हैं, क्योंकि वह अब भी एक राजनयिक पासपोर्ट धारक हैं।
होटल से कहीं नहीं आते-जाते गोटाबाया!
बाद में ऐसी खबरें आई थीं कि राजपक्षे थाईलैंड में सुरक्षाकर्मियों के घेरे में एक होटल में ही रहते हैं और कहीं नहीं आते-जाते। राजपक्षे के पद से हटने के बाद श्रीलंका की संसद ने तत्कालीन कार्यवाहक राष्ट्रपति और 6 बार प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना था। विक्रमसिंघे को 225 सदस्यीय संसद में सबसे बड़े दल श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (SLPP) का समर्थन हासिल था। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने राजपक्षे के नेतृत्व वाली SLPP के अनुरोध पर उनकी स्वदेश वापसी के इंतजाम किए हैं।
नवंबर 2019 में राष्ट्रपति बने थे राजपक्षे
SLPP के महासचिव सागर करियावासम ने 19 अगस्त को कहा था कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के साथ हुई बैठक में इस संबंध में अनुरोध किया गया था। करियावासम ने बताया था कि उन्होंने राष्ट्रपति से राजपक्षे की वापसी की व्यवस्था करने और उन्हें कड़ी सुरक्षा एवं आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की अपील की है। पूर्व सैन्य अधिकारी राजपक्षे नवंबर 2019 में राष्ट्रपति के पद पर काबिज हुए थे।