इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें और अधिक बढ़ने वाली हैं। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष से मुलाकात के बाद यह संकेत दे दिया है। इमरान खान पर आरोप है कि वह और उनकी पार्टी ने सेना पर निराधार आरोपों की झड़ी लगा दी है। इससे इमरान और उनकी पार्टी के नेताओं की फजीहत बढ़ने वाली है। राष्ट्रपति जरदारी ने राजनीतिक फायदे के लिए एक राजनीतिक दल और उसके कुछ सदस्यों की ओर से सेना पर “आधारहीन” आरोप लगाए जाने को लेकर गहरी चिंता जताई है।
बता दें कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने बुधवार को नए राष्ट्रपति जरदारी से मुलाकात की, तभी जरदारी ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी पर यह परोक्ष हमला किया। मुलाकात के दौरान सेना प्रमुख ने पिछले महीने पाकिस्तान का 14वां राष्ट्रपति बनने के लिए जरदारी को बधाई दी। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रपति जरदारी ने “संकीर्ण राजनीतिक फायदे के लिए एक खास राजनीतिक दल और उसके कुछ व्यक्तियों द्वारा सेना और उसके नेतृत्व पर निराधार आरोप लगाये जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
आरोप लगाने वालों से निपटने का प्लान
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से कहा गया कि सेना पर आरोप लगाने वाले ऐसे विघटनकारी तत्वों से सख्ती से निपटने का संकल्प लिया गया है।” जरदारी अप्रैल 2022 में सत्ता से बेदखल होने पर इमरान खान और उनकी पार्टी द्वारा पाकिस्तानी सेना पर लगाए गए आरोपों का जिक्र कर रहे थे। पाकिस्तान के 75 वर्ष के इतिहास में आधे से अधिक समय सेना का शासन रहा है। सेना का सुरक्षा और विदेश नीति से संबंधित मामलों में खासा दखल रहा है। (भाषा)
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