पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अब एक नई मुसीबत में फंस गए हैं। पहले से ही तोशाखाना मामले में जेल काट रहे इमरान खान के खिलाफ एक और मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी गई है। इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। बता दें कि पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने सुरक्षा कारणों से जेल में सुनवाई करने संबंधी विशेष अदालत के फैसले के बाद बृहस्पतिवार को 'सिफर' मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मुकदमा जेल में ही चलाये जाने को मंजूरी दे दी। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री खान के खिलाफ मुकदमा जेल में ही चलाते रहने का फैसला किया था।
‘जियो न्यूज’ ने अधिकारियों के हवाले से अपनी खबर में कहा कि अदालत के आदेश के बाद, जेल में ही सुनवाई किये जाने की रिपोर्ट कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा पेश की गई और इसे मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दे दी गई। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान (71) गत 26 सितंबर से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं जहां पिछले सप्ताह तक उनके खिलाफ उच्च सुरक्षा वाली जेल में ही सुनवाई चल रही थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह कार्यवाही को अनुचित करार देते हुए इसके खिलाफ व्यवस्था दी थी। विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुअल हसनत जुल्करनैन ने मंगलवार को इस्लामाबाद स्थित ‘फेडरल ज्यूडीशियल कॉम्प्लैक्स’ में सिफर मामले में सुनवाई की थी।
सिफर मामले में इमरान के साथ पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी हैं आरोपी
सुरक्षा कारणों से अधिकारियों ने खान को सुनवाई के लिए पेश नहीं किया था। अधिकारियों द्वारा अदालत में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘यह सूचना दी गई है कि पीटीआई अध्यक्ष को एक गंभीर स्तर का सुरक्षा जोखिम है।’’ मामले में सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने अगली सुनवाई में दोनों के खिलाफ मुकदमा जेल में खुली अदालत में चलाने की मंजूरी दी थी। मामले की अगली सुनवाई एक दिसंबर को होगी। सिफर मामले में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी एक आरोपी हैं। इस मामले की सुनवाई 15 अगस्त को शुरू हुई थी और खान और कुरैशी को 23 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया था। पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे गये एक सिफर (राजनयिक केबल) लीक कर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में खान को गिरफ्तार किया गया था। (भाषा)
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