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Hindi News विदेश एशिया 'हां, मैं एक प्लेबॉय था और...', जनरल बाजवा को इमरान खान ने दिया ऐसा जवाब, खोली पाकिस्तान की पोल

'हां, मैं एक प्लेबॉय था और...', जनरल बाजवा को इमरान खान ने दिया ऐसा जवाब, खोली पाकिस्तान की पोल

हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के तीन ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। अब खान ने पिछले महीने लीक हुए सेक्स वीडियो पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है और उन्होंने कबूल किया है, कि वो एक प्लेबॉय थे।

imran khan- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO इमरान खान

लाहौर: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से जुड़े लीक ऑडियो और वीडियो पर सियासत भी जोरों पर है। अब इमरान खान ने पिछले महीने लीक हुए सेक्स वीडियो पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है और उन्होंने कबूल किया है, कि वो एक प्लेबॉय थे। पूर्व पीएम ने कहा कि उन्होंने एक बार तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से कहा था कि वह पहले प्लेबॉय रहे थे। लाहौर में जमान पार्क स्थित अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में जनरल बाजवा के साथ अपनी आखिरी मुलाकात का खुलासा करते हुए इमरान खान ने कहा, "जनरल बाजवा ने मुझे प्लेबॉय कहा और जवाब में मैंने उनसे कहा 'हां, मैं प्लेबॉय था और आप भी'। बाजवा हमारी पीठ में छुरा घोंप रहे थे और हमदर्दी भी दिखा रहे थे।"

बता दें कि हाल ही में इमरान खान के तीन ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने दावा किया था कि ये ऑडियो क्लिप असली हैं और जल्द ही इमरान खान के वीडियो क्लिप भी सामने आएंगे।

'देश में कानून के शासन के खिलाफ थे बाजवा'
मीडिया से बातचीत सेना प्रमुख का नाम लिए बगैर इमरान ने कहा, "पाकिस्तान में सत्ता एक व्यक्ति के नाम होती है।" पिछले साल अप्रैल में नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से हटाए गए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि बाजवा देश में जवाबदेही नहीं चाहते हैं, इसलिए उनके संबंध खराब हुए हैं। एक सवाल के जवाब में इमरान ने कहा कि बाजवा पीठ में छुरा घोंपने के बाद उनके साथ एकजुटता दिखा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पूर्व सेना प्रमुख देश में कानून के शासन के खिलाफ थे।

इमरान ने बाजवा पर लगाए गंभीर आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री ने बाजवा पर अमेरिका में लॉबिंग के लिए अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी की सेवाएं लेने का आरोप लगाया। नागरिक और सैन्य नेतृत्व के बीच बढ़ती दरार के बीच 2011 में एबटाबाद में अमेरिकी छापे के बाद तथाकथित मेमो के माध्यम से हक्कानी पर पाकिस्तान की सेना के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई की मांग करने का आरोप लगाया गया था। उन पर उचित प्रक्रिया के बिना अमेरिकियों को वीजा जारी करने, संबंधित अधिकारियों को दरकिनार करने और धन का गबन करने का आरोप लगाया गया था। अपदस्थ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हक्कानी ने उनके खिलाफ अभियान चलाया था और अमेरिका में पूर्व सेना प्रमुख को बढ़ावा दे रहे थे।

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