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बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना लौटेंगी अपने देश, बेटे ने वापसी को लेकर किया ये बड़ा ऐलान

हसीना के बेटे जॉय ने कहा, ‘‘मां देश छोड़ने को तैयार नहीं थीं। प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम अंत तक उनकी सुरक्षा के लिए तैयार थी, लेकिन इससे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की मौत हो जाती जो प्रधानमंत्री आवास की ओर मार्च कर रहे थे। हमने बांग्लादेश की खातिर उन्हें (हसीना) मना लिया। हम उन्हें मरने नहीं देना चाहते थे।

शेख हसीना, बांग्लादेश की पूर्व पीएम। - India TV Hindi Image Source : AP शेख हसीना, बांग्लादेश की पूर्व पीएम।

नई दिल्लीः बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से भारत में हैं। मगर इसके बाद वह कहां जाएंगी, इसे लेकर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा था, क्यों ब्रिटेन और अमेरिका ने भी हसीना के दरवाजे अपने देश के लिए बंद कर दिए थे। अब शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अपनी मां के स्वदेश वापसी का ऐलान करके सबको चौंका दिया है। सजीब ने यह ऐलान ऐसे वक्त में किया है, जब बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है और मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होने जा रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश के लोग हसीना को वापस लाकर उनपर मुकदमा चलाए जाने की मांग कर रहे हैं।

पूर्व पीएम के बेटे ने दावा किया कि बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल होते ही उनकी मां अपने देश लौटेंगी। उन्होंने कहा कि उनके देश में अशांति फैलाने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। 'पीटीआई-भाषा' के साथ एक विशेष साक्षात्कार में जॉय ने कहा कि हालांकि 76 वर्षीय हसीना निश्चित रूप से बांग्लादेश लौटेंगी, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि वह सेवानिवृत्त नेता के रूप में लौटेंगी या सक्रिय नेता के रूप में। उन्होंने यह भी कहा कि शेख मुजीब (शेख मुजीबुर रहमान) परिवार के सदस्य न तो अपने लोगों को छोड़ेंगे और न ही संकटग्रस्त अवामी लीग को बेसहारा छोड़ेंगे। जॉय ने अपनी मां की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया तथा भारत से अंतरराष्ट्रीय राय बनाने में मदद करने और बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली के लिए दबाव बनाने की अपील की।

हसीना के बेटे का बड़ा दावा

हसीना के बेटे ने कहा, ‘‘हां, यह सच है कि मैंने कहा था कि वह बांग्लादेश नहीं लौटेंगी। लेकिन देश भर में हमारे नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगातार हमलों के बाद पिछले दो दिन में बहुत कुछ बदल गया है। अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए अब हमें जो भी करना होगा वह करने जा रहे हैं। हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे।’’ जॉय ने फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘बांग्लादेश में अवामी लीग सबसे बड़ी और सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है, इसलिए हम अपने लोगों से दूर नहीं जा सकते। लोकतंत्र बहाल होने के बाद वह (हसीना) निश्चित तौर पर बांग्लादेश लौटेंगी।’’ अवामी लीग को ‘भारत की सदाबहार सहयोगी’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली को अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाकर बांग्लादेश में अवामी लीग के नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

बांग्लादेश बन रहा दूसरा अफगानिस्तान

बांग्लादेश में बनने वाली अंतरिम सरकार से जॉय ने कानून एवं व्यवस्था बहाल करने का भी आग्रह किया और कहा कि ‘‘देश अराजकता के गर्त में जा रहा है तथा क्षेत्र में दूसरा अफगानिस्तान बन रहा है।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी उम्मीद है कि जब भी लोकतंत्र बहाल होगा और नया चुनाव होगा तो अंतरिम सरकार समान अवसर तैयार करेगी। जॉय ने कहा, ‘‘आप अवामी लीग को बाहर नहीं कर सकते हैं और बांग्लादेश में कभी भी प्रतिनिधि लोकतंत्र नहीं रख सकते हैं। उनके (मोहम्मद यूनुस) व्यक्तिगत विचार जो भी हों, उन्होंने कहा है कि वह एकता सरकार चाहते हैं तथा आगे बढ़ना चाहते हैं और अतीत की गलतियों की पुनरावृत्ति नहीं होने देना चाहते हैं। मुझे आशा है कि वह अपनी बात पर कायम रहेंगे।’’ नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस आज (बृहस्पतिवार) को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने वाले हैं। नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं।

 

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