इस्लामाबादः तालिबान ने अफगानिस्तानी महिलाओं के लिए फिर अजीबोगरीब फरमान सुनाया है। अब अफगानी महिलाएं ऊंची आवाज में बात करना तो दूर....वह तेज आवाज में नमाज भी नहीं अदा कर सकेंगी। महिलाओं के ऊंची आवाज में नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अफगानिस्तान के एक मंत्री ने कहा है कि अफगान महिलाओं को अन्य महिलाओं के सामने ऊंची आवाज में नमाज अदा करने या कुरान पढ़ने से मना किया गया है।
मंत्री ने कहा कि नैतिकता कानूनों के तहत महिलाओं पर लगाये गये ये नये प्रतिबंध हैं। सभी महिलाओं को इसका पालन करना होगा। इन कानूनों के तहत महिलाओं को घर के बाहर ऊंची आवाज में बात करने और अपना चेहरा दिखाना प्रतिबंधित है। इसके अलावा बच्चियों को छठी कक्षा के बाद शिक्षा से वंचित करना और महिलाओं को कई सार्वजनिक स्थानों और ज्यादातर नौकरियों से पहले ही बाहर रखा गया है। देश के धर्माचरण मंत्रालय से किसी भी अधिकारी ने बुधवार को इस बात की पुष्टि नहीं की कि क्या ये प्रतिबंध नैतिकता कानूनों का हिस्सा बनेंगे या नहीं।
तेज आवाज में अल्लाह हू अकबर भी बोलना मना
पूर्वी लोगार प्रांत में एक कार्यक्रम के दौरान धर्माचरण मंत्री खालिद हनफी ने कहा, “एक महिला के लिए किसी अन्य वयस्क महिला के सामने कुरान की आयतें पढ़ना करना निषिद्ध है। यहां तक कि तकबीर (अल्लाहु अकबर) के नारे लगाने की भी अनुमति नहीं है।” उन्होंने कहा कि एक महिला को अजान देने की अनुमति भी नहीं है। हनाफी की टिप्पणी का ऑडियो मंत्रालय के सोशल मीडिया मंच पर साझा किया गया लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया। (भाषा)
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