करीब 6 वर्ष पहले एक विदेशी नागरिक को इंदिरागांधी अंतररराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कोकीन के 50 कैप्सूल के साथ पकड़ा गया था। ड्रग तस्कर इतना शातिर था कि वह उसे पूरा निगल गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे कोर्ट के सामने पेश कराने के बाद जेल भेजवा दिया था। अब 6 वर्ष बाद कोर्ट ने विदेशी नागरिक को जमानत दे दी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोकीन के 50 कैप्सूल के साथ पकड़े गए विदेशी नागरिक को यह कहते हुए जमानत दे दी कि वह पिछले छह साल से अधिक समय से हिरासत में है।
उच्च न्यायालय ने इस बात का उल्लेख किया कि मादक पदार्थ मामले में सुनवाई अभी तक पूरी नहीं हुई है और निचली अदालत से शेष गवाहों के साक्ष्य जल्द दर्ज करने व छह महीने के भीतर सुनवाई समाप्त करने को कहा। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने बोलीविया के नागरिक सोलेटो जस्टिनियानो फर्नांडो टीटो को जमानत देते हुए उसे अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करने और देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘निचली अदालत यह सुनिश्चित करेगी कि बोलीविया के उच्चायोग से विधिवत सत्यापित आश्वासन का प्रमाण पत्र रिकॉर्ड पर रखा जाए कि याचिकाकर्ता देश नहीं छोड़ेगा। याचिकाकर्ता निचली अदालत की पूर्व अनुमति के बिना, दिल्ली नहीं छोड़ेगा।
न्यायाधीश ने की ये अहम टिप्पणी
न्यायाधीश ने उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें शीर्ष अदालत ने दोहराया था कि मादक पदार्थ पर नियंत्रण से संबंधित एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के तहत जमानत पर रोक लंबे समय तक कैद के मामलों में विचाराधीन कैदियों को राहत देने के रास्ते में नहीं आएगी। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के अनुसार, आरोपी को मई 2017 में यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पकड़ा गया था और उसके पास से कोकीन वाले 50 कैप्सूल बरामद किए गए थे, जिसे उसने निगल लिया था। सफदरजंग अस्पताल में चिकित्सकीय सहायता के माध्यम से व्यक्ति के पास से कैप्सूल बरामद किए गए। अभियोजन पक्ष के मुताबिक आरोपी ने खुलासा किया कि उसके चचेरे भाई ने उसे भारत में पहुंचाने के लिए मादक पदार्थ दिया था और उसने शुरुआत में 80 कैप्सूल निगल लिए थे, लेकिन यात्रा के दौरान उसने ब्राजील के साओ पाउलो हवाई अड्डे पर 30 कैप्सूल उल्टी कर दिए थे।
टीटो ने इस आधार पर जमानत का अनुरोध किया कि उसे 16 मई, 2017 को गिरफ्तार किया गया और तब से वह न्यायिक हिरासत में है। आरोपी ने कहा कि वह गुण-दोष के आधार पर नहीं बल्कि केवल इस आधार पर जमानत पर जोर दे रहा कि चूंकि वह छह साल से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में हैं, इसलिए वह जमानत का हकदार है। एनसीबी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह प्रतिबंधित दवा की व्यावसायिक मात्रा की बरामदगी का मामला है और फरार होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि आरोपी एक विदेशी नागरिक है। (भाषा)
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