चीन को सताने लगा डर! बच्चे पैदा करने के लिए जिनपिंग महिलाओं से कह रहे 'शादी करो'
चीन में आबादी बूढ़ी होती जा रही है, जो कि संकट का विषय है। यही नहीं, बच्चे पैदा करने की दर में गिरावट आ गई है, जिससे चीनी राष्ट्रपति टेंशन में आ गए हैं। उन्होंने महिलाओं से बच्चे पैदा करने के लिए शादी करने की अपील की है।
China News: चीन के राष्ट्रपति को इन दिनों एक अलग ही डर सता रहा है। चीन की आबादी बूढ़ी होती जा रही है। इस कारण बच्चे पैदा करने की दर में भारी गिरावट आई है। यही नहीं, चीन की महिलाएं शादी करने से भी बच रही हैं। ऐसे में टेंशन में आए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मजबूर होकर महिलाओं से अपील की है कि वे शादी करके बच्चे पैदा करें। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि देश में 'परिवार का नया ट्रेंड' स्थापित करने में चीनी महिलाओं की अहम भूमिका है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है चीन में परिवार और समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखी है। जिनपिंग ने कहा है कि परिवार का नया ट्रैंड स्थापित करने में महिलाओं की भूमिका समाज में सबसे अहम है। चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने महिलाओं से यह अपील ऐसे समय की है, जब चीन में बच्चे पैदा करने की दर में गिरावट आई है। देश की आबादी भी बूढ़ी होती जा रही है। वहीं दूसरी ओर चीन का पड़ोसी देश भारत युवाओं का देश है, जहां युवा देश की तरक्की में बड़ा योगदान दे रहे हैं।
जानिए राष्ट्रपति जिनपिंग ने बयान में और क्या कहा?
चीनी राष्ट्रपति ने सोमवार को ऑल चाइना वुमेन फेडरेशन की बैठक में यह बयान दिया है कि महिलाएं शादी करें। चीन का यह फेडरेशन चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अंतर्गत काम करता है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि शादी की नई संस्कृति और बच्चे पैदा करने को बढ़ावा दिया जाए। युवाओं की शादी, बच्चे पैदा करने और परिवार को बढ़ाने के प्रति सोच को मजबूत करना होगा।
चीन की प्रजनन दर में ऐतिहासिक गिरावट
चीन के सरकारी आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो साल 2022 में देश की प्रजनन दर एतिहासिक तौर पर गिर गई और 1.09 पर पहुंच गई हैं। चीन के सरकारी रिसर्च इंस्टीट्यूट चाइना पॉपुलेशन एंड डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर के जनसांख्यिकी विशेषज्ञों की तरफ से बताया गया है कि पिछले साल की प्रजनन दर साल 2021 के 1.15 के आंकड़े से भी कम हो गई है।
बिना बच्चों वाले कपल की संख्या दोगुनी से ज्यादा
यह डेटा जापान से भी कम है, जहां पर वृद्धों की संख्या सबसे ज्यादा है। दक्षिण कोरिया से थोड़ा सा ज्यादा है जहां पर प्रजनन दर 0.8 होने का अनुमान है। हांगकांग स्थित फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन की मानें तो चीनी क्षेत्र में बिना बच्चों वाले जोड़ों की संख्या 'खतरनाक' स्तर तक पहुंच गई है। मंगलवार को आई एक स्टडी के मुताबिक साल 2017 और 2022 के बीच बिना बच्चों वाले कपल की हिस्सेदारी दोगुनी से ज्यादा 20.6 फीसदी से 43.2 फीसदी तक हो गई है।
चीन में क्यों गिरी बच्चे पैदा करने की दर?
दुनिया की फैक्ट्री कहे जाने वाले चीन के युवा शादी करने से बचने लगे हैं। इसका कारण बच्चों को पालने का खर्च, करियर का संकट, लैंगिक भेदभाव जैसे कारक शामिल हैं। वहीं शादी न करने की प्रवृत्ति ने भी चीनी महिलाओं में बच्चे न पैदा करने की भावना को जन्म दिया है। ऐसे में जब शादियां ही नहीं होंगी तो बच्चों की जन्मदर कैसे बढ़ेगी। इसी संकट को देखते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने महिलाओं से शादी करके बच्चे पैदा करने की अपील की है।
चीन से छिटककर भारत जा रहीं कंपनियां
चीन में कम बच्चे पैदा होने का जिनपिंग का डर कोई छोटा मोटा डर नहीं है। दरअसल, आने वाले समय में चीन और बूढ़ा देश हो जाएगा, क्योंकि वैसे ही चीन में वृद्धों की आबादी काफी ज्यादा है। यही नहीं, चीन में सस्ता श्रमिक भी कम हो गया है। इस कारण उत्पादन लागत भी बढ़ रही है।