FATF PAKISTAN: टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने गुपचुप तरीके से पाकिस्तान का दौरा खत्म कर ली। FATF की 15 सदस्यीय टीम पाकिस्तान का पूरा भ्रमण कर लिया है। माना जा रहा है कि इस टीम के गुप्त दौरे के बाद पाकिस्तान की ग्रे लिस्ट से बाहर आने की संभावना बन सकती है। अक्टूबर के महीने में फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक मुख्य बैठक होनी है जिसमें भविष्य पर फैसला लिया जा सकता है। पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, इस दौरे से एक सकारात्मक रोशनी पाकिस्तान में आ सकती है।
7 लाख की अनुदान दी गई थी
अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से FATF की टीम को राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के साथ गुजरना पड़ा था। टीम 29 अगस्त से 2 सितंबर तक देश में मौजूद थी। एफएटीएफ सचिवालय के लिए आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) द्वारा 7 लाख रुपये के विशेष अनुदान को प्रारित किया गया था। इसमें टीम के ठहरने, खाने और उनके यात्रा की व्यवस्था शामिल थी। इस दौरे को बेहद गोपनीय रखा गया था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, FATF के प्रतिनिधिमंडल ने आवश्यक अधिकारियों के साथ कई बैठकें की थीं। इसके साथ ही पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग को रोकने के लिए जो फैसले लिए थे, उसकी भी जांच-पड़ताल की गई।
2018 में ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया
जून में FATF ने इशारा किया था कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया जा सकता है। FATF ने उस समय कहा था कि पाकिस्तान ने सुझाए गए 34 बिंदुओं पर कार्य योजना बनाई है और साथ ही उन कदमों की जांच के लिए एक टीम भेजने पर भी सहमति जताई है। आपको बता दें कि पाकिस्तान को पहली बार जून 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था। उस समय संगठन का मानना था कि पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग को रोकने के लिए कोई कड़े फैसले नहीं लिए हैं। इसके बाद सबसे पहले पाकिस्तान को 27 सूत्रीय कार्ययोजना दी गई।
नई रोशनी की उम्मीद
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तहत कुछ आतंकियों को वैश्विक आतंकी का दर्जा मिल गया है। जब पाकिस्तान ने उन पर केस शुरू किया तो हर कोई दंग रह गया। जून में संगठन की बैठक होने से ठीक पहले पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने 26/11 के मास्टरमाइंड साजिद मीर को आतंकी वित्तपोषण मामले में दोषी माना था।
इस कदम ने एफएटीएफ को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान आतंकवादियों के वित्तपोषण को रोकने के लिए कई कदम उठा रहा है। पाक अधिकारियों को भरोसा था कि उन्हें FATF से कोई अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। लेकिन इसके बाद भी उन्हें डर था कि कहीं भारत उनके लिए मुश्किलें खड़ी न कर दे। माना जा रहा है कि इस टीम को भेजने के लिए अमेरिका ने काफी मेहनत की है। उन्होंने ही FATF के इस गुप्त दौरे को सुनिश्चित किया था।
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