तुर्की और सीरिया में भूकंप से मौतों की संख्या 1300 के पार, कई इमारतें ध्वस्त, पीएम मोदी ने जताया शोक
शक्तिशाली भूकंप से तुर्की और सीरिया दोनों देशों में बड़ी तबाही हुई है। कई इमारतें ध्वस्त हो गईं। भूकंप कितना शक्तिशाली था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 आंकी गई।
Live: तुर्की में आज सुबह बेहद शक्तिशाली भूकंप आया है। भूकंप स्थानीय समय के मुताबिक, सुबह 4:17 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 आंकी गई। तुर्की के दक्षिण में गाजियानटेप के पास आया यह भूकंप कितना विनाशकारी था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 थी। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जिओ साइंस GFZ के अनुसार भूकंप का केंद्र जमीन से 18 किलोमीटर नीचे था। भूकंप से तुर्की के दक्षिण पूर्वी इलाके और सीरिया में भी भारी क्षति की खबरें हैं। न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार दोनों देशों में भूकंप से मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 1300 के आंकड़ों को पार कर गई है। साथ ही 5 हजार से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान ने ट्वीट कर बताया कि भूकंप से प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू अभियान जारी है। तुर्की में कम से कम 6 बार तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इरदुगान ने लोगों से अपील कर कहा कि वे क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश न करें।
तुर्की के 7 प्रांतों में 284 लोग मारे गए, 440 से अधिक घायल
तुर्की की डिजास्टर और इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी के अनुसार तुर्की के ही 7 प्रांतों में करीब 284 लोग मारे गए। एजेंसी ने कहा कि करीब 440 लोगों के अभी तक घायल होने की खबर है। सीरिया की स्टेट मीडिया के अनुसार, सीरिया के सरकारी कब्जे वाले इलाकों वाले क्षेत्रों में मरने वालों की संख्या 237 हो गई और 630 से अधिक घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में कम से कम 120 लोग मारे गए।
तीन इमारतें गिरते हुए देखीं, तुर्की अडाना शहर के रहवासी की दास्तान
तुर्की के अडाना शहर के एक रहवासी ने बताया कि उसने भूकंप के कंपन के बाद अपने घर के सामने तीन इमारतों को गिरते देखा। एक अन्य रहवास युनूस ने बताया कि राहत और बचाव का काम तेजी से किया जा रहा ह। मलबे में फंसे लोगों को ढूंढा जा रहा है।
घायलों से भर गए अस्पताल, सीरिया में कई लोग मलबे में दबे
उधर सीरिया में सैकड़ों परिवार मलबे में दबे हुए हैं। तबाही का बड़ा ही वीभत्स मंजर है। बचावकर्मियों का कहना है भूकंप का जलजला ऐसा था कि यहां रहने वाले करीब 40 लाख से अधिक विस्थपित लोगों का इलाका भूकंप के भारी कंपन से प्रभावित हुआ है। सीरिया के गृहयुद्ध के दौरान विस्थपित शरणार्थियों के लिए बनी ये इमारतें पहले से ही जर्जर हो चुकी थीं। मलबे में फंसे लोगों को निकालने वाले बचावकर्मियों ने कहा कि घायलों की संख्या इतनी अधिक है कि अस्पताल ही घायलों से भर गए।
तुर्की में आई आपदा से निपटने में भारत करेगा मदद
तुर्की में आज भूकंप से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के प्रधानमंत्री के निर्देश पर पीएमओ में तत्काल राहत उपायों पर चर्चा के लिए बैठक हुई।इस बैठक में तुर्की में आए भूकंप के मद्देनजर हर संभव सहायता देने पर विचार किया गया। इसके लिए प्रधानमंत्री के विशेष सचिव पीके मित्रा ने एक मीटिंग आयोजित की। इसमें तय किया गया कि तुर्की सरकर के समन्वय से राहत और बचाव दलों के साथ ही चिकित्सा दलों, एनडीआरएफ को तुरंत तुर्की भेजा जाएगा। डॉग स्क्वाड और अन्य विशेषज्ञ भी तुर्की जाएंगे।
10 मिनट बाद फिर दूसरी बार आया भूकंप
मध्य तुर्की में सोमवार तड़के 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद एक और तेज भूकंप आया। जानकारी के अनुसार पहले भूकंप के बाद करीब 10 मिनट बाद फिर 6.7 तीव्रता का तेज भूकंप आया। जो जानकारी सामने आई उसके मुताबिक कई इमारतें इस शक्तिशाली भूकंप के कारण ध्वस्त हो गईं। सेन्लिउर्फा शहर के मेयर ने बताया कि शक्तिशाली भूकंप की वजह से 16 इमारतें भरभराकर गिर गईं।
तेज भूकंप से लोगों में दहशत फैल गई है। भूकंप एक प्रमुख शहर और प्रांतीय राजधानी गजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर दूर केंद्रित था। यह नूर्दगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर था।
भूकंप त्रासदी पर पीएम मोदी ने जताया शोक
पीएम नरेंद्र मोदी ने तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने अपने ट्वीट में संदेश में कहा 'तुर्की में आए भूकंप के कारण जनहानि और संपत्तियों को हुए नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना है। इस विपत्ति की घड़ी में भारत तुर्की के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है। इस भूकंप की त्रासदी से निपटने में हरसंभव मदद के लिए हम तैयार हैं।'
सीरिया, लेबनान में भी भूकंप से कांपी धरती
बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके लेबनान, सीरिया में भी महसूस किए गए। सीरिया में अलेप्पो और हमा शहर से नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं। सिविल डिफेंस के मुताबिक, सीरिया में तुर्की से लगे इलाकों में कई इमारतें गिर गईं। सीरिया की राजधानी दमिश्क में भी भूकंप के झटकों के बाद लोग सड़कों पर आ गए। लेबनान में करीब 40 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।
इससे पहले तुर्की-ईरान सीमा पर भी पिछले सप्ताह ही भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.9 आंकी गई थी। पिछले सप्ताह तुर्की की सीमा के पास उत्तर-पश्चिम ईरान में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए थे। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक आपातकालीन सेवाओं के प्रवक्ता मोज्तबा खालिदी ने सरकारी टेलीविजन को बताया, "खोय शहर में अब तक 122 लोग घायल हुए थे।
7.8 की तीव्रता कितनी शक्तिशाली होती है, ऐसे समझिए
0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।