Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य जनरल रहे दिवंगत परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विशेष अदालत द्वारा 2019 में मौत की सजा सुनाने के फैस्ले को बरकरार रखा है। पाकिस्तान के आखिरी सैन्य शासक जो कारिगल युद्ध के लिए जिम्मेदार थे, उन्हें 5 फरवरी 2023 को मौत की सजा सुनाई गई थी। वह अपने देश में आपराधिक मुकदमों से बचने के लिए पाकिस्तान से बाहर 2016 में ही निकल गए थे और दुबई में रह रहे थे।
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा के नेतृत्व में चार सदस्यीय बेंच ने सुनवाई की। 17 दिसंबर 2019 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की सरकार के दौरान मुशर्रफ के खिलाफ 2007 में असंवैधानिक फैसले लेने और आपातकाल की घोषणा करने के लिए एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा 'कई नोटिसों पर भी मामले का पालन नहीं किया'
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति की ओर से की गई अपील को खारिज करते हुए टिप्पणी की, "परवेज मुशर्रफ के उत्तराधिकारियों ने कई नोटिसों पर भी मामले का पालन नहीं किया।" मुशर्रफ के वकील सलमान सफदर ने कहा कि अदालत द्वारा अपील पर सुनवाई करने का फैसला करने के बाद उन्होंने मुशर्रफ के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन परिवार ने कभी उन्हें जवाब नहीं दिया।
दिल्ली में जन्मे थे पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ का पिछले साल 5 फरवरी को 79 वर्ष की आयु में दुबई में निधन हो गया था। मुशर्रफ के साथ हमेशा ये जुड़ा रहेगा कि कभी पाकिस्तान का सबसे ताकतवर शख्स रहा, आखिरी सांस अपने मुल्क में नहीं ले सका। मुशर्रफ का भारत से गहरा कनेक्शन रहा। उनका परिवार दिल्ली में रहता था। यहीं दरियागंज में 11 अगस्त, 1943 को मुशर्रफ की पैदाइश हुई। 1947 में देश का बंटवारा हुआ तो उनका परिवार पाकिस्तान चला गया।
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