नई दिल्ली। यूक्रेन से करीब 1 वर्ष से जारी भीषण युद्ध के बाद भी रूस के हथियारों का जखीरा कम नहीं हुआ है। हालांकि युद्ध के दौरान रूस को टैंकों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन, मिसाइलों और फाइटर जेट समेत अन्य हथियारों का भारी नुकसान हुआ है। उन्नत पश्चिमी हथियारों के दम पर यूक्रेन ने रूस के तमाम टैंकों और मिसाइलों को अब तक ध्वस्त किया है। इसके बाद माना जा रहा था कि रूस के पास हथियारों की कमी होने लगी होगी। मगर पुतिन ने इस अफवाह को गलत साबित कर दिया है। इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि संयुक्त अरब अमीरात में द्विवार्षिक हथियार मेले में रूस खुलेआम अपने हथियारों की प्रदर्शनी लगाकर उसकी बिक्री कर रहा है।
यदि कोई भी देश रूस से हथियार खरीदना चाहता है तो वह सऊदी अरब के मेले में उससे संपर्क कर सकता है। इन हथियारों की बिक्री करके रूस अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहता है। सोमवार को रूस ने क्लासनिकोव राइफल से लेकर मिसाइल प्रणाली तक बिक्री के लिए प्रदर्शित की। हालांकि यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण रूस पूरे यूरोप से तमाम पाबंदियों का सामना कर रहा है। संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी एवं सम्मेलन’ ने इस तथ्य को भी रेखांकित किया किया कि कैसे खाड़ी अरब महासंघ ने पश्चिम के साथ संतुलन बनाये रखते हुए मॉस्को को अपने साथ लाकर खड़ा किया है।
प्रतिबंधों के बावजूद रूस के हथियार खरीदने के कई देश दीवाने
यूक्रेन पर हमले के चलते अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। इसके बावजूद रूसी हथियारों और मिसाइलों के दीवानों की कमी नहीं है। कई देश रूस से उसकी मिसाइल और अन्य हथियार खरीदना चाहते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए शुक्रवार को एक साल हो जाएगा और इस दौरान रूस का पैसा लगातार दुबई के बेहद लाभकारी रियल एस्टेट बाजार में लग रहा है।
पत्रकारों को शुरू में रुसी प्रदर्शनी के मंडप में प्रवेश नहीं करने दिया गया। करीब एक घंटे बाद इस मंडप से रूस के व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मानतुरोव को बाहर आते हुए देखा गया। मानतुरोव पर अमेरिका एवं ब्रिटेन, दोनों ने प्रतिबंध लगा रखा है। लंदन ने उन्हें रुसे हथियार कारोबार पर नजर रखने वाला बताया है और दावा किया है कि यूक्रेन के युद्ध में वह सैनिकों को आवाजाही के लिए साजो समान से लैस करने के जिम्मेदार हैं।
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