भारत का दौरा टाल दिया, फिर चीन पहुंच गए एलन मस्क...आखिर क्यों?
अरबपति कारोबारी एलन मस्क का प्लान भारत आने का था। मस्क ने अचानक भारत दौरा टाल दिया और चीन पहुंच गए। चीन में मस्क ने पीएम ली कियांग से मुलाकात की है।
बीजिंग: बीजिंग की अपनी औचक यात्रा के दौरान अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने चीन में टेस्ला वाहनों को कुछ संवदेनशील स्थानों पर ले जाने पर लगे प्रतिबंधों को हटाने पर चर्चा करने के लिए चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात की है। सरकारी मीडिया की तरफ से यह जानकारी दी गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में टेस्ला कार चालक सरकार से संबंधित भवनों में प्रवेश पर पाबंदी से जूझ रहे हैं। संदेनशील एवं रणनीतिक डेटा के सामने आ जाने के डर से इन कारों पर ऐसी जगहों पर प्रतिबंध है।
रिपोर्ट में कही गई ये बात
निक्की एशिया द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में बड़ी संख्या में सभागार एवं प्रदर्शनी केंद्र टेस्ला वाहनों को अपने यहां नहीं आने दे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले इन वाहनों पर प्रतिबंध आमतौर पर सैन्य अड्डों तक सीमित था लेकिन अब राजमार्ग संचालक, स्थानीय प्राधिकरण एजेंसी, सांस्कृतिक केंद्र भी इन वहानों पर कथित रूप से प्रतिबंध लगाते जा रहे हैं।
पीएम कियांग से मिले मस्क
सरकारी दैनिक ‘चाइना डेली’ के अनुसार मस्क ‘चाइना काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ऑटोमोबाइल’ कंपनी के आमंत्रण पर पर रविवार को बीजिंग पहुंचे। टेस्ला सभी पाबंदियों को हटाने को लेकर चीनी अधिकारियों से बातचीत कर रही है। मस्क ने रविवार को चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की और अपनी वाहन कंपनी टेस्ला के लिए भविष्य की विस्तार योजनाओं पर चर्चा की।
चीन के पीएम ने कही बड़ी बात
ली ने मस्क से कहा कि चीन का विशाल बाजार विदेशी वित्तपोषित उद्यमों के लिए हमेशा खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि चीन विदेशी वित्तपोषित उद्यमों को बेहतर कारोबारी माहौल और मजबूत समर्थन प्रदान करने के लिए बाजार पहुंच का विस्तार करने और सेवाओं में सुधार करने पर कड़ी मेहनत करेगा ताकि सभी देशों की कंपनियां चीन में निवेश कर सकें। ली ने कहा कि चीन में टेस्ला के विकास को चीन-अमेरिका आर्थिक सहयोग का एक सफल उदाहरण कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तथ्यों ने साबित कर दिया है कि समान सहयोग और पारस्परिक लाभ दोनों देशों के सर्वोत्तम हित में हैं।
चीन से सहयोग की इच्छा
आधिकारिक मीडिया के अनुसार, मस्क ने कहा कि टेस्ला की शंघाई गीगाफैक्ट्री कंपनी का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला कारखाना है। उन्होंने हर हालत में और ज्यादा मुनाफा प्राप्त करने के लिए चीन के साथ सहयोग को गहरा करने की इच्छा जताई। चीन के सरकारी प्रसारक सीटीजीएन के अनुसार, स्पेसएक्स और टेस्ला के प्रमुख ने ‘अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चीन परिषद’ (सीसीपीआईटी) के निमंत्रण पर चीन की यात्रा की। इस दौरान उन्होंने चीन के साथ आगे के सहयोग पर चर्चा करने के लिए सीसीपीआईटी अध्यक्ष रेन होंगबिन से मुलाकात की।
चीन में लोकप्रिय है टेस्ला ईवी
हांगकांग के समाचार पत्र साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने लिखा कि मस्क के ‘स्टेट काउंसिल’ में वरिष्ठ चीनी अधिकारियों और बीजिंग में ‘पुराने दोस्तों’ से मिलने की संभावना है। मस्क ने शंघाई में सात अरब डॉलर के निवेश से एक ईवी संयंत्र स्थापित किया था, जिसके बाद से उनकी टेस्ला ईवी चीन में लोकप्रिय हो गई है। इस संयंत्र में उत्पादन 2020 में शुरू हो गया था।
मस्क ने टाल दी भारत यात्रा
मस्क ने हाल ही में भारत की प्रस्तावित यात्रा टाल दी थी। भारत में वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर देश में टेस्ला का कारखाना शुरू करने की योजनाओं पर बात करने वाले थे। मस्क बीजिंग का दौरा तब कर रहे हैं जब चीन में उनके टेस्ला बाजार को स्थानीय ईवी वाहनों की बढ़ती बिक्री से खतरा है। ऑस्टिन (टेक्सास) की कंपनी टेस्ला को पिछले कुछ वर्षों में चीनी ईवी निर्माताओं से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है। कंपनी ने चीन के प्रीमियम ईवी खंड में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखने के लिए अपने शंघाई में बने वाहनों की कीमतों में छह प्रतिशत तक की कटौती की है। मस्क की हालिया चीन यात्रा बीजिंग वाहन प्रदर्शनी 2024 के बीच हो रही है। यह प्रदर्शनी बृहस्पतिवार को शुरू हुई थी। (भाषा)
यह भी पढ़ें:
पाकिस्तान में जज को ही कर लिया किडनैप, पढ़ें पड़ोसी देश की अजीब घटना
दुबई में होगा दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, 5 रनवे समेत होंगे 400 गेट; जानिए इसकी 7 खासियतें