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Hindi News विदेश एशिया क्या है ईस्टर बम विस्फोट मामला, जिस पर श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना से पुलिस करेगी पूछताछ

क्या है ईस्टर बम विस्फोट मामला, जिस पर श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना से पुलिस करेगी पूछताछ

ईस्टर ब्लास्ट मामले में सिरिसेना पर आरोप लगाया गया था और उन्हें एक विशेष समिति ने दोषी पाया। बाद में, उन्हें हमले के पीड़ितों के रिश्तेदारों को मुआवजे के तौर पर 10 करोड़ देने का आदेश दिया गया। उन्होंने अभी तक इसका केवल एक हिस्सा ही चुकाया है।

मैत्रीपाल सिरिसेना, श्रीलंका के पूर्वी प्रेसिडेंट।- India TV Hindi Image Source : AP मैत्रीपाल सिरिसेना, श्रीलंका के पूर्वी प्रेसिडेंट।

कोलंबो: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना की मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं। श्रीलंकाई पुलिस ईस्टर बम ब्लास्ट मामले में पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना से पूछताछ करेगी। आखिरकार ईस्टर ब्लास्ट मामले से पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना से क्या लेनादेना था और पुलिस इस मामले में उनसे क्या पूछताछ करना चाहती है, यह सब आपको बताएंगे। पहले जान लें कि ईस्टर ब्लास्ट मामला है क्या।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में ईस्टर पर हुए आत्मघाती बम विस्फोटों को लेकर सिरिसेना ने एक विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी। उनको अपनी इसी हालिया टिप्पणी के लिए सोमवार को पुलिस पूछताछ का सामना करना पड़ेगा। सिरिसेना ने कहा था कि वह उन हमलों के साजिशकर्ताओं के बारे में "जानते" थे, जिनमें 11 भारतीयों सहित 270 लोग मारे गए थे। बहत्तर-वर्षीय सिरिसेना जनवरी, 2015 जनवरी से नवम्बर, 2019 नवंबर तक श्रीलंका के राष्ट्रपति थे। उन्होंने पहले हमलों के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया था।

पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना ने दिया था ब्लास्ट पर ये गंभीर बयान

पुलिस प्रमुख देशबंधु तेनाकून ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि सिरिसेना का बयान सोमवार को दर्ज किया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति ने बुधवार को कैंडी में कहा कि उन्हें हमलों के साजिशकर्ता के बारे में पता है। उन्होंने कहा, ''मुझे पता है कि यह किसने किया था।'' आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती हमलावरों ने 21 अप्रैल, 2019 को श्रीलंका में तीन गिरजाघरों और कई लक्जरी होटलों में शृंखलाबद्ध विस्फोटों को अंजाम दिया था। हालांकि, 2019 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले हुए ये विस्फोट ‘साजिश की अवधारणा’ का विषय थे, जिसके अनुसार यह समझा जा रहा था कि तब विपक्ष में राजपक्षे बंधुओं ने हमलों का राजनीतिक लाभ उठाया था।  (भाषा) 

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