Earthquake News: उत्तरी बिहार के कई जिलों में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर में ये महसूस किए गए। भूकंप सुबह 7.58 बजे आया था। भूकंप का केंद्र नेपाल में था। 5.5 तीव्रता का था भूकंप। सुबह भूकंप के चलते लोगों में दहशत फैल गई। वहीं नेपाल की राजधानाी काठमांडू की धरती में कंपन हुआ है। रिक्टर स्केल पर भूकंप के कंपनी की तीव्रता 5.5 आंकी गई है। भूकंप विज्ञान के राष्ट्रीय केंद्र ने जानकारी दी कि यह भूकंप नेपाल से 147 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में सुबह 7 बजकर 58 मिनट पर आया। अभी इस भूकंप से नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है। नेपाल में 6 दिन पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, लेकिन इस बार भूकंप पिछले सप्ताह से ज्यादा तीव्रता का है।
नेपाल में 6 दिन पहले भी आया था भूकंप
नेपाल में 6 दिन पहले भी भूकंप के झटके आए थे। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार नेपाल के नागरकोट यह भूकंप आया था। यह भूकंप नागरकोट से 21 किमी उत्तर पूर्व में 4.1 तीव्रता का था। हालांकि इस कंपन से जानमाल के नुकसान नहीं हुआ था। लेकिन इस बार 5.5 की तीव्रता का भूकंप है, जो पिछली बार से ज्यादा घातक है।
नेपाल में पिछले सप्ताह 4.3 तीव्रता का था भूकंप
वैसे भी नेपाल भूकंप के डेंजर जोन में रहा है। यहां पहले भी कई बार भूकंप आ चुके हैं। इससे पहले पिछले माह नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पिछले माह आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 थी। भूकंप का यह केंद्र राजधानी काठमांडु से 161 किलोमीटर दूर था। हालांकि गनीमत रही कि इस दौरान कोई जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली।
सितंबर 2020 में भी आए थे भूकंप के तगड़े झटके
इससे पहले सितंबर 2020 में भी नेपाल में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6 थी। राजधानी काठमांडु से सटे सिंधुपाल चौक जिले में यह भूकंप आया था। इस भूकंप से किसी तरह का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन नेपाल के कई जिलों में और यहां तक कि भारत में बिहार के सीमावर्ती जिलों में भी भूकंप का कंपन महसूस किया गया था।
2015 में इसी इलाके में आया था भूकंप
नेपाल भूकंप की बड़ी त्रासदी झेल चुका है। यहां वर्ष 2015 में बड़ा खतरनाक भूकंप आया था। नेपाल मे 25 अप्रैल 2015 की सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर भूकंप का जोरदार झटका महसूस किया गया था। भूकंप की तीव्रता 7.8 थी। यह बड़ा विनाशकारी भूकंप था, क्योंकि इसकी तीव्रता बहुत ज्यादा थी। भूकंप इतना भीषण था कि भारत के कई राज्यों में तेज भूंकप के झटके महसूस किए गए थे। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और सिद्धार्थनगर जिलों के कुछ मकान भी दरक गए थे। 9000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। 80 लाख से ज्यादा लोग इस भूकंप से प्रभावित हुए थे। संयुक्त राष्ट्र समेत दुनियाभर के कई देशों ने गंभीर मानवीय मदद भेजी थी।
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