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तिब्बत में भूकंप के बाद भीषण ठंड के बीच जारी है बचाव कार्य, जानें कैसे हैं हालात

तिब्बत में आए भूकंप की वजह से अब तक 126 लोगों की मौत हो गई है और 188 घायल हुए हैं। इस बीच भीषण ठंड के बीच राहत और बचाव का काम जारी है। बचावकर्मी जीवित बचे लोगों और पीड़ितों की तलाश में जुटे हैं।

तिब्बत में भूकंप के बाद जारी है बचाव कार्य- India TV Hindi Image Source : AP तिब्बत में भूकंप के बाद जारी है बचाव कार्य

बीजिंग: तिब्बत में मंगलवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद कड़ाके की ठंड के बीच बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं। इस बीच, पड़ोसी किंघई प्रांत की एक अन्य काउंटी में बुधवार को 5.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को आए भूकंप में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। यह भूकंप उत्तर-पश्चिम चीन के किंघई प्रांत के गोलोग तिब्बती स्वायत्त प्रांत के मादोई काउंटी में तीन बजकर 44 मिनट (बीजिंग समयानुसार) पर आया। भूकंप के झटके उत्तर-पूर्वी नेपाल में भी महसूस किए गए। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के अनुसार भूकंप का केंद्र 14 किलोमीटर की गहराई पर था। यह क्षेत्र विशाल तिब्बती पठार का हिस्सा है जिसकी औसत ऊंचाई 13 हजार से 15 हजार फीट है।

126 लोगों की मौत, 188 घायल

चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगात्से के डिंगरी काउंटी में मंगलवार को आए भूकंप में कम से कम 126 लोग मारे गए और 188 घायल हुए हैं। चीन में मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था। भारत-तिब्बत-नेपाल सीमा के नजदीक स्थित शहर शिगात्से के डिंगरी काउंटी में बुधवार तक 646 भूकंप के झटके महसूस किए गए। क्षेत्रीय आपातकालीन प्रबंधन विभाग के प्रमुख हांग ली ने आधिकारिक मीडिया को बताया कि सबसे तेज झटका 4.4 तीव्रता का था और भूकंप के केंद्र से लगभग 18 किमी दूर था। 

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नेपाल में महसूस किए गए झटके

नेपाल के भूकंप निगरानी केंद्र ने भी बुधवार को सैकड़ों झटकों की पुष्टि की है। केंद्र के प्रमुख लोक विजय अधिकारी ने कहा, ‘‘लेकिन हमने सभी झटकों को आधिकारिक तौर पर रिकॉर्ड नहीं किया हैं, क्योंकि भूकंप का केंद्र देश के बाहर है।’’ हालांकि, सुबह नौ बजकर 36 मिनट पर (नेपाल समयानुसार) आए भूकंप का असर पूर्वोत्तर नेपाल के खुंबू क्षेत्र के लोबुचे क्षेत्र में तथा काठमांडू और पड़ोसी जिलों सिंधुपालचौक और धाडिंग में भी महसूस किया गया। 

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जारी है जीवित बचे लोगों की तलाश

अधिकारियों ने यह भी कहा कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (माउंट कोमोलांगमा) के चीनी हिस्से में अभी तक हिमस्खलन जैसी कोई भूगर्भीय आपदा नहीं देखी गई है, जो भूकंप प्रभावित क्षेत्र में स्थित है। मंगलवार को आए भूकंप के बाद क्षेत्र के आसपास के पर्यटक स्थल बंद कर दिए गए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि चीनी सरकार की ओर से राहत कार्य जारी हैं। भूकंप के एक दिन बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटे बचावकर्मी बुधवार को जीवित बचे लोगों और पीड़ितों की तलाश में जुटे रहे। (एपी)

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